Supercop: इस बीमारी ने सुपरकॉप हिमांशु रॉय को आत्महत्या के लिए किया मजबूर, जानिए कौने थे वह?

मुम्बई: महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व चीफ और कई हाईप्रोफाइल मामलों को सुलझाने वाले हिमांशु रॉय ने शुक्रवार को नरीमन प्वाइंट स्थित सुनिती अपार्टमेंट के अपने घर में सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। अगले महीने 55 साल के होने जा रहे हिमांशु रॉय तीन साल से बोन कैंसर से पीडि़त थे। 1988 बैच के आईपीएस अफसर रॉय देश के उन चुनिंदा अफसरों में शुमार थेए जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। इस घटना से पुलिस महकमा सकते में है।


उन्होंने अपने घर में डेढ़ बजे के आसपास अपनी सर्विस रिवाल्वर अपने मुंह में रखकर गोली चला दी। उस समय उनकी पत्नी घर में ही मौजूद थीं। जख्मी रॉय को तत्काल बॉम्बे अस्पताल लाया गयाए जहां डॉक्टरों ने 1.47 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। रॉय का शव पोस्टमार्टम के लिए जीटी अस्पताल भेज गया।

हिमांशु रॉय ने खुदकुशी से पहले घर में एक सुसाइड नोट छोड़ा थाए जिसमें लिखा है कि बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर रहा हूं। उनके परिवार में अब पत्नी और मां रह गई हैं। पुलिस ने भादंसं की धारा 174 के तहत आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। वर्तमान में महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्थापना के पद पर कार्यरत रॉय फिटनेस पर काफी ध्यान देते थे।

लेकिन कैंसर के कारण उनकी हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही थी। वर्ष 2016 से कैंसर के इलाज के लिए अवकाश पर चल रहे रॉय अमेरिका भी गए थे लेकिन वहां उपचार से भी उन्हें कुछ ज्यादा लाभ नहीं हुआ था। महाराष्ट्र पुलिस में जांबाज और दबंग पुलिस अधिकारी की भूमिका रखने वाले 1988 बैच के आईपीएस हिमांशु रॉय हाई प्रोफाइल केस को सुलझाने में माहिर थे।

एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड एटीएस और फिर क्राइम ब्रांच के चीफ समेत कई पदों पर उन्होंने काम किया था। आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामलों की जांच के एक्सपर्ट के रूप में पहचाने जाने वाले 6 फुट लंबे रॉय ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में भी कई रहस्य खोले थे। इसके अलावा दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर आरिफ का एनकाउंटर करने के साथ ही पत्रकार जेडे हत्याकांड, विजया पलांडे बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान के दोहरे हत्याकांड और लॉ ग्रेजुएट पल्लवी पुरकायस्था हत्याकांड, कोहिनूर मिल रेप, गोरगांव की हीरे चोरी जैसे अहम मामले को सुलझाया था।

साल 2009 में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर बने हिमांशु रॉय ने ही मुंबई का पहला साइबर क्राइम सेल और पहला महिला सेल शुरू कराया था। रॉय को आंतकी गतिविधियों से जुड़े मामले की जांच के दौरान जान के खतरे के कारण जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी।

उन्होंने मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस की जांच और इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख यासीन भटकल सहित भगोड़े अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद की संपत्तियों को जब्त किया था।मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हिमांशु रॉय चार्टर्ड अकाउंटेंट भी रह चुके थे। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईपीएस बनने से पहले विश्व की बेस्ट अकाउंटेसी फर्म में से एक कंपनी आर्थर एंडरसन में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट काम किया था। 

इन खास मामलों से जुड़े रहे
मुंबई हमलों की रेकी करने वाले अमेरिका में जन्मे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड हैडली से पूछताछ व जांच करने वाली टीम में रहे।
मुंबई हमलों के दौरान दबोचे गए पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को फांसी रॉय के ही मुंबई क्राइम ब्रांच के चीफ रहते हुए दी गई थी।
क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर के तौर पर रॉय ने इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच के दौरान साल 2013 में बॉलीवुड अभिनेता विंदु दारासिंह को गिरफ्तार किया था।
एटीएस चीफ रहते हुए ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को गिरफ्तार कर बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में बने अमेरिकन स्कूल को बम से उड़ाने की योजना असफल की।

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