बेंगलुरु: कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला मंगलवार को होगा ,जब नतीजे सामने आयेंगे। पर एग्जिट पोल्स ने यह बात साफ कर दी है कि राज्य में त्रिशंकु सरकार की अधिक उम्मीद है। इसके बाद चुनाव नतीजों से पहले सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गयी है।
कर्नाटक में किंगमेकर माने जा रहे जेडीएस चीफ एचडी देवगौड़ा को रिझाने के लिए पहला पासा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दलित कार्ड का कार्ड खेल दिया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता देवगौड़ा से संपर्क में हैं। वहीं बीजेपी भी अपने समीकरण बिठाने में लगी है। उसके नेता भी जेडीएस चीफ से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
आपको बता दें कि चुनाव बाद आए लगभग सभी एग्जिट पोल्स में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। ज्यादातर सर्वे ने चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर बताया है। एग्जिट पोल्स के नतीजों के बाद चीफ मिनिस्टर सिद्धारमैया ने कहा था कि हाईकमान अगर किसी दलित नेता को इस पद पर बिठाना चाहता है तो वह मुख्यमंत्री का पद छोडऩे को तैयार हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे कांग्रेस की ओर से जेडीएस को साधने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।
हालांकि जेडीएस ने साफ कहा है कि नतीजों का इंतजार किया जाएगा। पार्टी चीफ और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने कहा कि अभी कुछ कहना ठीक नहींए हम नतीजों का इंतजार करेंगे। अब सबकी नजरें नतीजों पर टिकी हुई हैं। क्या कांग्रेस पार्टी कर्नाटक के रूप में अपना आखिरी गढ़ बचाने में कामयाब हो पाएगी? क्या बीजेपी का कांग्रेस मुक्त अभियान कर्नाटक में कमल खिलाने में सफल होगा या फिर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस कोई कमाल दिखाएगी।
इन सवालों के जवाब अगले 24 घंटों में मिल जाएंगे। उधरए कांग्रेस की ओर से खडग़े को कर्नाटक का सीएम बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा है कि जो भी कांग्रेस हाईकमान कहेगा वह मुझे मंजूर होगा। अगर बहुमत नहीं आएगा तो उस वक्त सोचेंगे। एक सवाल के जवाब में खडग़े ने कलबुर्गी में पत्रकारों से कहा कि मेरे दलित होने के कारण नहीं बल्कि पार्टी मुझे अगर मेरी वरिष्ठता को देख सीएम का पद ऑफर करेगी तो मेरे लिए यह खुशी की बात होगी। उधर बीजेपी नेता सदानंद गौड़ा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि सिद्धारमैया के बयान से साफ है कांग्रेस यह मान चुकी है कि वह कर्नाटक में हार रही है। गौड़ा ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस मिलकर भी 100 के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी। वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि नतीजे आने में अभी एक दिन बचा है।
यह साफ है कि कर्नाटक में जोड़तोड़ नहीं बल्कि पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। कांग्रेस के दलित सीएम के दांव पर जेडीएस नेता दानिश अली ने स्पष्ट कहा है कि सिद्धारमैया के बयान से साफ है कि कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलेगा और राज्य में कुमार स्वामी की सरकार बनेगी। देवगौड़ा के कांग्रेस के साथ आने में सिद्धारमैया एक बड़ा पेच हैं। इसकी वजह यह है कि खुद देवगौड़ा ने ही सिद्धारमैया को 2005 में जेडीएस से बाहर किया था। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। ऐसे में सिद्धारमैया के नाम पर देवगौड़ा असहमति जता सकते हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि देवगौड़ा की ओर से सिद्धारमैया को हटाने पर ही कांग्रेस को समर्थन दिए जाने की शर्त रखी जा सकती है। कांग्रेस पार्टी द्वारा किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर जेडीएस समर्थन देने को राजी हो सकती है। ऐसे में कांग्रेस के सामने 2 ही विकल्प बचते हैं।
अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है तो पार्टी दलित सीएम के तौर पर मल्लिकार्जुन खडग़े को कर्नाटक की कमान सौंपे और जेडीएस से गठजोड़ करे या 2019 तक सिद्धारमैया को सीएम बने रहने दिया जाए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को अगर पर्याप्त सीटें मिलती हैं तो वह सिद्धारमैया को ही मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहेगी। दरअसलए पार्टी सिद्धारमैया के जरिए 2019 के संसदीय चुनावों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है।