लखनऊ: ग्रेटर नोएडा में बनने वाले पतंजलि के फूड पार्क को रद्द किए जाने की बात पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे में पतंजलि आयुर्वेद को आवंटित की गई जमीन रद्द नहीं की गई है। बता दें कि जमीन रद्द होने की बात से इनकार तब किया गया है जब आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की थी।
इन सबके इतर पतंजलि के फूड पार्क की जमीन रद्द होने की खबर राजनीतिक गलियारों तक पहुंचते ही हड़कंप मच गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंतजलि के एमडी बालकृष्ण को फोन कर बात की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने बालकृष्ण से कहाए श्जो भी तकनीकी समस्या है उसे दूर कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि 2016 में पतंजलि ग्रुप यमुना एक्सप्रेस.वे अथॉरिटी में 465 एकड़ जमीन अलॉट की गई थी। इसमें से 50 एकड़ जमीन पतंजलि ग्रुप मेगा फूड पार्क के लिए ट्रांसफर करवाना चाहता है। सूत्रों के मुताबिकए मेगा फूड पार्क के लिए जमीन ट्रांसफर होने से भारत सरकार की योजना के मुताबिक कंपनी को छूट मिल सकती है। औद्योगिक विभाग का कहना है कि पतंजलि को जमीन देने का फैसला कैबिनेट में लिया गया था।
लिहाजा उसी जमीन में से 50 एकड़ जमीन को ट्रांसफर कराने के लिए कैबिनेट में ले जाना होगा जिसकी प्रक्रिया चल रही है। अगली कैबिनेट में जमीन के ट्रांसफर के प्रस्ताव को रखा जाएगा। हालांकि आचार्य बालकृष्ण ने अपने ऑफिशल ट्विटर अकाउंट से जमीन रद्द होने की बात की पुष्टि की थी। योगगुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने प्रदेश में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को अब कहीं और शिफ्ट करने की बात कही है। आचार्य बालकृष्ण ने जानकारी दी है कि ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क को निरस्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक है और इससे किसानों की स्थिति नहीं सुधर सकती है। यही नहीं इस ट्वीट के बाद भी आचार्य बालकृष्ण ने फूड पार्क के प्रॉजेक्ट की तस्वीर डालते हुए निराशा जाहिर की। उन्होंने लिखा कि यह था पतंजलि फूडपार्क नोएडा के प्रस्तावित विशाल संस्थान का स्वरूप, जिससे मिलता हजारों लोगों को रोजगार और प्राप्त होता लाखों किसानों को समृद्धिशाली जीवन।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉक्टर अनूप चंद्र पांडे ने कहाए श्कोई जमीन रद्द नहीं की गई है। मेगा फूड पार्क के लिए 50 एकड़ जमीन को ट्रांसफर किया जाना है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। आपको बता दें कि 2016 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10000 लोगों को नौकरी मिल जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप ने 1600 करोड़ रुपये निवेश करने की बात कही थी।