‘मोदी सुई’ के डर से राजस्थान के मेवात इलाके में बच्चे स्कूल छोड़ कर भागे

राजस्थान के अलवर-भरतपुर जिलों के मेवात इलाके में इन दिनों बच्चे स्कूलों में पढ़ने नही आ रहे हैं. दरअसल सरकारी टीकाकरण की वजह से अफवाह फैल गई है कि सरकार मुस्लिम इलाकों में बंध्याकरण की सुई दे रहे ही है.

सकी वजह से पूरे इलाके के स्कूलों में दहशत है. दहशत का आलम यह है कि जब आजतक की टीम एक स्कूल में इस अफवाह की सच्चाई जानने पहुंची तो स्कूल में भगदड़ मच गई, इस अफवाह के साथ कि बांझ करने की सुई लगाने वाले आ गए.

 

कक्षा में बैठे छात्र और छात्राएं स्कूल की बाउंड्रीवाल कूद-कूद कर भागने लगे. स्कूलों में या तो सन्नाटा पसरा है या जो बच्चे आते हैं, उनके चहरों पर खौफ चस्पां है. अफवाह का कोई आधार नही है, लेकिन जैसे ही कोई वाहन गांव और स्कूल में दाखिल होता है तो भगदड़ मच जाती है और बच्चे अपना बस्ता छोड़कर भागने लगते है . जिले के उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. छबील कुमार कहते हैं कि हमने बीमारियों से छुटकारे के लिए टीकाकरण का अभियान चला रखा है, लेकिन इलाके में अफवाह फैल गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम इलाके में बच्चों-बच्चियों को बेऔलाद करने की सुई भेजी है. इस वजह से पूरा टीकाकरण अभियान ही इन इलाकों में फेल हो गया है.

बाड़ी पोखर गांव के आजाद खान का कहना है कि सभी को गांव में सरकारी टीका लगाए जाने का डर सता रहा है. उन्हें लगता है की मेव बिरादरी के लड़के-लड़कियों को बेऔलाद बनाने का टीका लगाया जा रहा है. इसे लोग ‘मोदी की सुई’ कह रहे हैं.

जिन गांवों में स्कूल गुलो-गुलजार रहते थे अब वहां वीराना है. ककराली गांव की 70 साल की चाली बानो इस कदर भयभीत हैं की गांव में आता हर वाहन उनमें सिरहन-सी पैदा कर देता है. वह कहती हैं कि पुलिस के दम पर उनके बच्चों को बाझ रहने का टीका लगाया जा रहा है. आठवीं क्लास के मुस्तफी और सपीना कहते हैं कि घरवालों ने हिदायत दी है कि कोई स्कूल में आए तो घर आ जाना., मोदी का टीका लग रहा है जिससे जीवन में कभी बच्चे नही पैदा होंगे.

इस माहौल ने बच्चों को भी डरा दिया है. वे नही जानते की देश-दुनिया में क्या चल रहा है, लेकिन माता-पिता कहते हैं कि स्कूल जाने से टीका लग सकता है, लिहाजा घर में ही रहने को मजबूर है.

स्कूल प्रशासन को समझ में नही आ रहा की हालात से कैसे निपटें. स्कूल की प्राचार्या पुष्पा कुंदनानी कहती हैं, ‘स्कूल में हाजरी 10 से 20 % रह गई है. बच्चे स्कूल आते नहीं और आते भी हैं, तो अभिभावक वापस ले जाते हैं. पूरे इलाके में मोदी की सुई की अफवाह फैली है.’

मेवात में कई साल से शिक्षा का अलख जगा रहे सामाजिक कार्यकर्ता नूर मोहम्मद इस मंजर से बहुत दुखी हैं. उन्हें लगता है कि इतने सालों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. नूर मोहम्मद 317 गांवों में शिक्षा का स्तर सुधारने का बीड़ा उठाए हुए हैं. उन्हें हैरत है कि इस अफवाह को रोकने का सरकारी स्तर पर कोई प्रयास नही किया गया है. दरअसल मेवात इलाका मुस्लिम बहुल है, जहां शिक्षा नहीं के बराबर है.

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