रूचि (बदला हुआ नाम) करीब 20 दिन पहले वह रोहतक से बवानीखेड़ा पहुंची। यहां से एक युवक ने उसको अधिवक्ता के पास पहुंचाया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि उनके पास बच्ची या अधिवक्ता नहीं आए और अगर आते हैं तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
बाद में उससे वेश्यावृत्ति करवाने लगे। मना करने पर मारपीट करते थे। महिला उससे घर का काम भी जबरन करवाती और मना करने पर बेरहमी से पीटा जाता। कुछ माह पहले बवानीखेड़ा की एक महिला व दो युवक उसे बवानीखेड़ा ले आए और यहां वेश्यावृत्ति करवाने लगे।
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यहां भी मना करने के दौरान उससे मारपीट की गई। एक दिन वह घर में रो रही थी तो एक डीजे वाले भैया ने देखा और उसे अपनी धर्म बहन बनाते हुए सहायता का आश्वासन दिया।
वह उसे किसी तरह उनके चंगुल से निकालकर रोहतक लेकर गया और एक आंटी के पास किराये पर कमरा दिलाया। मगर बवानीखेड़ा के युवकों ने उसे फिर खोज लिया और वापस ले आए। आज मौका मिला तो वह किसी तरह घर से भागकर कोर्ट में आई और उक्त धर्म भाई की सहायता से वकील से मिली।
किशोरी ने बताया कि करीब साल भर पहले उसे रोहतक में भी भागने का मौका मिला और वह भागकर सीधे थाने पहुंच गई थी। अनपढ़ होने के कारण कोई शिकायत नहीं लिख सकी, मगर पुलिस वालों को मौखिक तौर पर बताया। लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई और उसे वहां से भगा दिया गया। इसी दौरान आरोपी युवक वहां आ गए और फिर से उसे पकड़ ले गए।