रेलवे एक सदी पुरानी दार्जिलिंग टॉय ट्रेन की भव्य विरासत में और चार चांद लगाने की तैयारी में है. ऐसा 137 सालों में पहली बार हो रहा है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा कि टॉय ट्रेन में नई वातानुकूलित बोगियां जोड़ी जाएंगी. यह टॉय ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी के मैदानों से 2,000 मीटर की चढ़ाई करती है.
लोहानी ने संवाददाताओं से कहा, ‘दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) हमारे लिए महत्वपूर्ण लाइन है. यह विश्व धरोहर है. हम इसकी महत्ता जानते हैं. यह दुनियाभर के पर्यटकों में मशहूर है.’ रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने पिछले साल गोरखालैंड आंदोलन के दौरान सोनादा और गयाबाड़ी स्टेशनों को पहुंचे नुकसान के बारे में कहा कि वह इनका निरीक्षण करेंगे.
उन्होंने कहा कि भारत में सबसे पहले डीएचआर को विश्व धरोहर का तमगा मिला था. उन्होंने कहा, ‘‘हम टॉय ट्रेन की भव्य विरासत को और बढ़ाएंगे. हम यह भी अध्ययन करेंगे कि इस लाइन में क्या कमी है और हम उसे सुधारने की कोशिश करेंगे.’