दुनिया में जहां सभी लोग खुद के लिए और खुद के परिवार के लिए जीते हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दूसरों की जिंदगी को रौशन करते हैं। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है भोपाल में रहने वाले 14 साल के बच्चे आयुष किशोर ने। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित इस बच्चे ने अपनी प्राइज मनी को चार कैदियों को देने का निर्णय लिया है, जो फाइन ना दे पाने की वजह से आजाद होने का सपना खो चुके थे। किशोर को राष्ट्रपति से 10,000 रुपए जबकि स्कूल से 28,000 रुपए की प्राइज मनी मिली थी। जिसे उन्होंने जेल में बंद कैदियों की भलाई के लिए खर्च करने की इच्छा जाहिर की थी।
आयुष की मां जोकि एक पुलिस अधिकारी हैं उन्होंने बताया कि उनका बेटा अक्सर जेल की जिंदगी के बारे में सवाल करता रहता था। आयुष अपनी प्राइज मनी के जरिए जिन कैदियों की मदद कर रहा है उनमें 46 साल के श्रीजन सिंह शामिल हैं। जिनपर हत्या का आरोप है लेकिन अच्छे आचरण की वजह से उन्हें सजा पूरी होने से पहले ही गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा किया जाने वाला था। परिवार ने उनका त्याग कर दिया था जिसकी वजह से वो फाइन के 5,000 रुपए नहीं दे पा रहे थे। उन्हें खुद के समय से पहले बाहर जाने की उम्मीद नहीं थी लेकिन किशोर उनके लिए आशा की एक किरण साबित हुए हैं।
आयुष की मां जोकि एक पुलिस अधिकारी हैं उन्होंने बताया कि उनका बेटा अक्सर जेल की जिंदगी के बारे में सवाल करता रहता था। आयुष अपनी प्राइज मनी के जरिए जिन कैदियों की मदद कर रहा है उनमें 46 साल के श्रीजन सिंह शामिल हैं। जिनपर हत्या का आरोप है लेकिन अच्छे आचरण की वजह से उन्हें सजा पूरी होने से पहले ही गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा किया जाने वाला था। परिवार ने उनका त्याग कर दिया था जिसकी वजह से वो फाइन के 5,000 रुपए नहीं दे पा रहे थे। उन्हें खुद के समय से पहले बाहर जाने की उम्मीद नहीं थी लेकिन किशोर उनके लिए आशा की एक किरण साबित हुए हैं।
उप-जेल अधीक्षक पीडी श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष अपनी प्राइज मनी उन चार कैदियों को दे रहा है जो एक दशक से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। आयुष किशोर ने बताया- मेरी मां ने बताया कि ऐसे बहुत से कैदी हैं जो काफी गरीब हैं। वो जेल के अंदर सालों से काम करके अपने फाइन को चुका रहे हैं। कुछ ऐसे हैं जो अपनी आजादी के लिए 2,000 रुपए भी नहीं दे सकते। मैंने ऐसे ही कैदियों की मदद करने का निर्णय लिया।
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