धार्मिक मान्यताओं में ईद बकरीद का विशेष महत्व है। रोजे पूरी होने के बाद मुस्लिम धर्म में ईद उल फितर चांद दिखाई देने के बाद उसके दूसरे ही दिन ईद का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सुबह नमाज नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआएं मांगते हैं। इस बार ईद भारत में 14 तारीख को होगी। हालांकि 13 तारीख को ईद मनाई जानी थी लेकिन तेरे नए को का चांद नजर आया तो 14 तारीख को मनाई जाएगी।
क्या है ईद का महत्व
हिंदू हो या मुस्लिम हो या इसाई धर्म कोई भी हो हर प्रभु का अपना एक अलग महत्व होता है और उसका इतिहास भी होता है। ईद आने वाली है तो ईद क्यों मनाई जाती है इसका क्या महत्व है इसको भी जानना बेहद जरूरी होता है। इस्लामिक मान्यताओं की बात करें तो रमजान के पवित्र महीने में पवित्र कुरान आई थी। मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार पैगंबर मोहम्मद ने भद्र की लड़ाई में जब जीत हासिल की थी इस जीत की खुशी में इस्लामिक समुदाय के सभी लोगों ने एक दूसरे को मुंह मीठा कर गले मिले और खुशियां जाहिर की थी। इस दिन लोग अपने गिले-शिकवे दूर करके एक दूसरे के गले लगते हैं और मीठी सेवइयां बनाकर मन में मिठास बोलते हैं और एक दूसरे को ईद मुबारक बाद की शुभकामनाएं थी देते हैं।खा
ईद को कैसे मनाते हैं
हर त्यौहार को मनाने का अपना एक विधि होता है विधान होता है इसी तरह से ईद को मनाने के लिए इसका भी एक विधान है। ईद के दिन सुबह प्रातः उठकर सबसे पहले एक खास नमाज अदा की जाती है और फिर अपने मित्रों रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईद के दिन नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहनते हैं और मस्जिदों में लोग नमाज को अदा करते हैं। इस दिन धार्मिक मान्यताओं के लोग अल्लाह की बारगाह में अपने गुनाहों की माफी भी मांगते हैं। और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं। अल्लाह से कहते हैं कि वह उन्हें रोजा रखने की शक्ति दी है और इसीलिए अमन चैन की दुआ मांगते हुए वह अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं। इसके अलावा ईद के दिन इस्लामिक समुदाय के लोग गरीब बेसहारा लोगों को जकात देते हैं।
ईद में सिवइयां है खास
ईद के दिन सिवइयां बेहद खास पकवानों में से एक मानी जाती है। सेवई को एक दूसरे को खिलाकर आपस के पैर को मिठास में घोला जाता है और रिश्तेदारों को ईदी बांटी जाती है।
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