लखनऊ : एक इंजीनियर अपनी मां की लाश के साथ 15 दिन से घर में रह रहा था और इस बात की भनक किसी को नहीं लग सकी। शनिवार की रात दुर्गंध उठने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची तो एक कमरे में फोल्डिंग पलंग पर डॉ.मोना की सड़ी गली लाश मिली। जबकि 45 वर्षीय बेटी हुमा खान सोमवार से लापता है। वहीं घर में डाक्टर मोना का इंजीनियर बेटा फिरोज मौजूद था।
एसएसपी ने फिरोज से डॉण् मोना की मौत और परिवार के सदस्यों के बारे में बातचीत की तो वह उल्टे सीधे जवाब देने लगा। मोना की मौत कैसे हुई इसकी वजह साफ नहीं हो सकी। फिरोज और हुमा को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया जा रहा है।
एएसपी टीजी दुर्गेश कुमार ने बताया कि डाक्टर मोना के पति रहमत खान एलडीए के चीफ इंजीनियर थे। करीब 25 साल पहले उनकी मौत हो गई थी।
इसके बाद से डाक्ट मोना अपने बेटे फिरोज और बेटी हुमा के साथ रह रही थीं। उनका शव पलंग पर सामान्य अवस्था में पड़ा था। नीचे चप्पलें रखी थीं। ऐसा लग रहा था कि सोते वक्त ही उनकी मौत हो गई। आसपास के लोगों ने बताया कि फिरोज मेरठ डवलपमेंट अथॉरिटी में इंजीनियर था। करीब आठ साल पहले उसने वीआरएस ले लिया था। उसकी मां मोना कई दिन से नजर नहीं आ रही। मोहल्ले के लोगों ने डॉ मोना और हुमा की हत्या की आशंका जताई तो पुलिस के होश उड़ गए।
डॉ मोना के फूलबाग हुसैनगंज निवासी भाई वसीम से संपर्क किया गया। उन्होंने हुमा के किसी रिश्तेदार के घर पर होने की जानकारी दी। हुमा घर छोड़कर क्यों गई इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। हुमा से संपर्क करने के लिए पुलिस की टीम लगाई गई है। डॉ मोना के कमरे से लोबान, धूपबत्ती व अगरबत्ती व राख बिखरी हुई मिली हैं।
पुलिस का कहना है कि शव से उठने वाली दुर्गंध के चलते फिरोज सुबह.शाम धूपबत्ती अथवा अगरबत्ती जलाता रहा होगा। शनिवार शाम पुलिस ने जब उसके घर पहुंचकर दरवाजा खटखटाया तो फिरोज छत पर चढ़ गया। लोगों ने शोर मचाया तो उसने छत से पानी की भरी बोतल व गुम्मे चलाना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई। पुलिस ने किसी तरह दरवाजा खुलवाया। भीतर जाकर पलंग पर पड़ा शव देखकर फिरोज से पूछताछ की तो वह बरगलाता रहा।
आईआईटी रुड़की से की थी इंजीनियरिंग
मृतका के भाई वसीम ने बताया भांजे फिरोज जमाल खान ने आईआईटी रुड़की से एमटेक किया था। वह पढऩे-लिखने में टॉपर था। इंजीनियरिंग के बाद उसका सलेक्शन मेरठ डवलपमेंट अथॉरिटी में हुआ था। वहां पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर था। दस साल पहले उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। वह नौकरी से वीआरएस लेकर घर पर रहने लगा।