एक ही परिसर में स्थित स्कूलों का जल्द विलय किया जाएगा। प्रदेश में 3200 विभिन्न स्थानों में एक ही परिसर में प्राथमिक, जूनियर, हाईस्कूल और इंटर कालेज अलग अलग चल रहे हैं। सरकार के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय विलय का फार्मूला तैयार कर रहा है। इस विलय से करीब 1500 स्कूलों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। ये सभी एक ही नाम से जाने जाएंगे। 
सरकार के निर्देश पर बेहद गोपनीय तरीके से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। एक बार निदेशायल इसका प्रस्ताव सरकार को भेज चुका है। सू्त्रों के अनुसार सरकार ने विभाग से कुछ और बिंदुओं पर रिपेार्ट मांगी है। संपर्क करने पर बेसिक शिक्षा निदेशक रामकृ़ष्ण उनियाल ने कहा कि यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। बेसिक और माध्यमिक स्तर पर इस पर मंथन जारी है।
यह है समस्या
राज्य में इस वक्त बेसिक से माध्यमिक स्तर तक करीब 17 हजार स्कूल हैं। इनमें 3200 स्थानों पर एक ही परिसर में कहीं प्राथमिक और जूनियर स्कूल अलग चल रहे हैं। तो कुछ स्थानों पर जूनियर और हाईस्कूल अलग अलग हैं। एक ही परिसर के भीतर अलग अलग व्यवस्था चल रही है।
सरकार की तैयारी
सरकार पिछले काफी समय से एक ही स्थान पर संचालित स्कूलों को एक ही परिसर बनाने का प्रयास कर रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय इसके लिए शिक्षा विभाग को निर्देश भी चुके हैं।
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