कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुए काशी विश्वनाथ के कपाट 9 जून को बाबा दरबार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया था। इस दौरान कुछ शर्तों के साथ ही भक्तों को बाबा दरबार में प्रवेश दिया जा रहा है।
मंदिर प्रशासन कशी विश्वनाथ के भक्तों का पूरा ख्याल रखता है। पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं के लिए सावन में घर बैठे प्रसाद भेजने की व्यवस्था होगी
बाबा के दरबार में इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण भक्तों की संख्या में कमी आई है। लेकिन सावन आते-आते फिर वहीं भीड़ दिखने को मिल सकती है।
मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात रहता है, जो दूरी के साथ कतार लगवाती है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए थर्मल स्कैनिंग के बाद भक्तों का मंदिर में प्रवेश होता है। पांचों पंडवा गेट पर हैंड सैनिटाइज करने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने दिया जाता है।
हर साल की तरह इस साल भी सावन में बाबा के श्रद्धालुओं को घर बैठे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद डाकघर के माध्यम से मिलेगा। इसे लेकर डाक विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
इसके अलावा बहुत से श्रद्धालु ऑनलाइन प्रसाद भी डाक विभाग से मंगवाते हैं। बाबा का प्रसाद भी लोगों को घर बैठे भेजने की सुविधा डाक विभाग में पिछले कई सालों से चल रही है। इस साल भी डिब्बाबंद प्रसाद श्रद्धालुओं को भेजा जाएगा। पोस्ट मास्टर जनरल प्रणव कुमार के निर्देशन में इसकी तैयारियां शुरू हो गई है।
डिब्बाबंद प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि, महामृत्युंजय महायंत्रम, शिव चालीसा, धातु का बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से शिक्षा ग्रहण करते भोले बाबा की छवि वाला सिक्का, रुद्राक्ष की 108 दाने की माला के साथ ही रक्षा सूत्र आदि भी शामिल हैं। डाक विभाग में प्रसाद का पैकेट इलेक्ट्रॉनिक मनीआर्डर से स्पीड पोस्ट से भेजा जाता है।