16 नवंबर को होगी ऑड-ईवन की अगली सुनवाई, दिल्ली सरकार ने दाखिल की नई अर्जी

16 नवंबर को होगी ऑड-ईवन की अगली सुनवाई, दिल्ली सरकार ने दाखिल की नई अर्जी

सम-विषम योजना में 67 लाख दोपहिया वाहन और महिलाओं के लिए छूट की मांग करने पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकारा। याचिका और उसकी मांगों को देखते ही एनजीटी ने कहा कि इसमें कोई गुणवत्ता नहीं है।16 नवंबर को होगी ऑड-ईवन की अगली सुनवाई, दिल्ली सरकार ने दाखिल की नई अर्जीदेशवासियों को हुई मुश्किलों के लिए जेटली को पद से इस्तीफा देना चाहिए: यशवंत सिन्हा

पीठ ने कहा कि सिर्फ एक वैज्ञानिक और कानूनी वजह बताओ कि क्यों दोपहिया वाहनों को सम-विषम के दौरान छूट देना चाहिए। सरकार दोबारा याचिका दाखिल कर सकती है लेकिन जो भी छूट की मांग की जाए उसकी वजह पुख्ता, कानूनी व वैज्ञानिक हो।

दिल्ली सरकार ने इस आदेश के कुछ ही घंटो बाद पुरानी मांगों में फेरबदल कर दोबारा याचिका दाखिल कर दी और इस बार सम-विषम को एनसीआर में भी लागू करने की मांग की है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया।

हजारों बस का ऑर्डर किया लेकिन एक भी नई बस नहीं आई 

पीठ से 12 नवंबर को दिए गए सम-विषम योजना में कड़ी शर्तों को शामिल करने संबंधी आदेश में बदलाव की मांग की गई थी। पीठ ने कहा कि 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों को न सिर्फ सड़कों पर ही जब्त किया जाए बल्कि उन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए।
 
पीठ ने कहा कि वह दिल्ली सरकार के इस दलील से सहमत नहीं है कि उनके पास 25 लाख लोगों के लिए मुकम्मल परिवहन व्यवस्था नहीं है। पीठ ने दिल्ली सरकार को कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) वायु प्रदूषण में दोपहिया वाहनों को बड़ा जिम्मेदार मान रहे हैं।
 
अगर आप 68 लाख वाहनों को छूट दे देंगे तो प्रदूषण पर लगाम कैसे लगेगी? आप कह रहे हैं कि आपने हजारों बसों का आदेश दिया है लेकिन एक सिंगल बस अभी तक नहीं आई है। आप आपदा का इंतजार कर रहे हैं। 

क्यों नहीं चलाते स्पेशल महिला बस 
पीठ ने कहा कि सम-विषम योजना में महिला सुरक्षा पर मांग करने के अलावा आप सार्वजनिक परिवहन को बेहतर क्यों नहीं बनाते हैं। ऐसी महिलाएं जिनके पास कार नहीं है वे मेट्रो और बसों में यात्राएं करती हैं आप क्यों नहीं मेट्रो की तर्ज पर महिलाओं के लिए बस चलाते हैं।

पीठ ने उच्चस्तरीय वायु प्रदूषण पर अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि यह पर्यावरण और सेहत दोनों के लिए आपातकाल है। दिल्ली को अपने बच्चों को संक्रमित फेफड़ों का उपहार नहीं देना चाहिए। 

प्रदूषण के हॉटस्पाट चिन्हित कर कराएं पानी का छिड़काव

पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में उन प्रदूषित जगहों को चिन्हित करे जहां पानी के छिड़काव की जरूरत है। पीठ ने इस काम के लिए फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों या फिर संभव हो तो हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव करने को कहा है। 

उद्योग और निर्माण को राहत 
एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण न फैलाने वाले उद्योगों को और ऐसे उद्योग जो सुविधाओं व खाद्य का जरूरी सामान बना रहे हैं उन्हें चलने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे (दिल्ली-सोनीपत) का सशर्त निर्माण करने की भी इजाजत दे दी है। पीठ ने कहा कि किसी भी तरह से धूल से प्रदूषण नहीं होना चाहिए। 

आरोप-प्रत्यारोप के खेल पर फटकार
सुनवाई के दौरान पीठ ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को कड़ी फटकार लगाई। पीठ ने कहा कि एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल छोड़िए। आखिर आप लोगों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या किया?

इसके अलावा पीठ ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, परिवहन विभाग व प्रदूषण बोर्ड को एक दूसरे के साथ मिलकर वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिए गए आदेशों का पालन करने के लिए कहा है। 

एनजीटी परिसर में जुटी भीड़, तिल रखने की जगह नहीं

एनजीटी में सुबह से ही लोगों का ताता लग गया। प्रधान पीठ की कोर्ट में सुबह 10:30 से लोगों की संख्या बढने लगी। एक घंटे बाद कोर्ट में तिल रखने की जगह न रह गई। लोगों का दम फूलने लगा तो पीठ को सुनवाई रोककर कहना पड़ा कि अब कोर्ट रूम को बड़ा नहीं कर सकते इसलिए कुछ लोग बाहर हो जाएं। 

दोबारा दाखिल हुई याचिका
सम-विषम मामले पर अब सुनवाई 16 नवंबर को होनी है। मंगलवार को दोबारा दिल्ली सरकार की ओर से याचिका एनजीटी में दाखिल कर दी गई। पुराने मुद्दों को ही इसमें शामिल किया गया है। वहीं इस बार याचिका में सम-विषम योजना को एनसीआर में भी लागू करने की मांग की गई है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com