दिसंबर के इस माह,अमावस्या ऐसा अवसर होगा जब,श्रद्धालु मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान, दान आदि करेंगे। कड़ाके की सर्दी के बावजूद श्रद्धालु शिप्रा नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान करेंगे और पुण्य कमाऐंगे। यह अवसर होगा 18 दिसंबर को। जी हां,इस दिन सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है।
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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन सवार्थ सिद्धि योग होगा। जिसके कारण पर्व और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा। मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नानए दान कर मंदिरों में पूजन करने से पुण्यफल मिलता है।
कई श्रद्धालु पितृमोक्ष तीर्थों में पिंडदान,तर्पण और पूजन करेंगे। इस दिन शिप्रा नदी के रामघाटए सोमेश्वर घाट, पितृमोक्ष तीर्थ सिद्धवट और गयाकोठा में पूजन करने का विशेष महत्व है। रामघाट और सोमेश्वर घाट पर श्रद्धालु स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। नदी में स्नान आदि के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाऐंगे।
सोमवती अमावस्या का ज्योतिष और हिंदू धर्म की मान्यताओं में विशेष महत्व है। यह अमावस्या एक बड़ी अमावस्या के तौर पर पहचानी जाती है। मान्यता है कि, इस दिन तंत्र मंत्र के जानकार प्रेतबाधा से ग्रसित व्यक्तियों को किसी विशेष कुंड या सरोवर में डुबकी लगवाते हैं और कथित तौर पर उनकी प्रेत बाधा को भगाते हैं। इस तरह की क्रियाऐं उज्जैन के कालियादेह पैलेस क्षेत्र में की जाती हैं। हालांकि यह एक मान्यता है। दूसरी ओर अमावस्या का सोमवार के दिन होना बेहद महत्वपूर्ण है।
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