कांग्रेस ने वर्ष 1971 के दौरान हुए पांचवें लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव की हार का जबरदस्त बदला लेने का कार्य किया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने अपनी एक सीट को बरकरार रखने के साथ-साथ छह अन्य सीटों पर जनसंघ के सांसदों को चित्त कर दिया था। इस तरह लगातार दूसरे चुनाव में सांसदों को हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस ने इस चुनाव में क्लीन स्वीप किया था। लिहाजा, कांग्रेस ने पांच चुनावों में तीसरी बार क्लीन स्वीप करने का कार्य किया था।
बाहरी दिल्ली में जनसंघ उम्मीदवार की जमानत जब्त
पांचवें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने करीब 65 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे, जबकि जनसंघ को उससे आधे भी मत नहीं मिले थे। उसके उम्मीदवारों को 30 प्रतिशत से भी कम मत प्राप्त हुए थे। बाहरी दिल्ली में जनसंघ के उम्मीदवार चौ. मीर सिंह को 14 प्रतिशत से भी कम मत मिले थे। इस कारण उनकी जमानत जब्त हो गई थी। उनकी तरह सातों सीटों पर चुनाव लड़े 50 अन्य उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। इस चुनाव में 64 उम्मीदवारों ने शिरकत की थी, जिनमें से 33 उम्मीदवार तो चार अंकों में भी वोट नहींं मिले थे।
चौ. ब्रह्मप्रकाश ने पत्नी समेत पांच उम्मीदवार उतारे थे
चुनाव के दौरान दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री व तीन बार सांसद रहे चौ. ब्रह्मप्रकाश ने इंदिरा गांधी से टकराव होने के कारण कांग्रेस से बगावत कर दी थी। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन) के बैनर तले पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इन उम्मीदवारों में उनकी पत्नी सत्या भी शामिल थीं। वे चौ. ब्रह्मप्रकाश की पैतृक सीट बाहरी दिल्ली से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन वह पति की तरह जीत नहीं सकीं और करारी हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं चौ. ब्रह्मप्रकाश के समर्थक पांचों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
पांचवें चुनाव का परिणाम
क्षेत्र जीत दल
नई दिल्ली मुकुल बनर्जी कांग्रेस
दक्षिणी दिल्ली शशि भूषण कांग्रेस
बाहरी दिल्ली चौ. दलीप सिंह कांग्रेस
पूर्वी दिल्ली एचकेएल भगत कांग्रेस
चांदनी चौक सुभद्रा जोशी कांग्रेस
दिल्ली सदर अमरनाथ चावला कांग्रेस
करोल बाग सोहन लाल कांग्रेस
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