एशिया कप का 17वां संस्करण यूएई के दो शहर-अबुधाबी और दुबई में हो रहा है। आज टूर्नामेंट का सबसे बड़ा मैच दुबई में भारत-पाकिस्तान के बीच होना है, लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि इस बार मैच को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिख रहा। यहां तक इस हाई-वोल्टेज मुकाबले की सारी टिकट तक बिके नहीं हैं और सोशल मीडिया पर इस मैच को बॉयकॉट करने की मांग लगातार उठ रही है।
ये सब पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की लड़ाई के बाद से हो रहा है, जहां 26 मासूम लोगों की जान गंवाने के बाद भारतीय फैंस इस मैच को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब भारत और एशिया कप को लेकर विवाद हुआ हो। 39 साल पहले भी कुछ ऐसा देखने को मिला था। साल 1986 में भारत ने पूरे टूर्नामेंट से ही बॉयकॉट कर दिया था। आखिर क्यों भारत ने ये फैसला लिया था, आइए जानते हैं।
एशिया कप 1986 में भारत ने क्यों किया था बॉयकॉट?
दरअसल, एशिया कप का पहला संस्करण 1984 में यूएई में हुआ था, जब टूर्नामेंट तीन टीम- भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला गया था। फाइनल मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराया था और एशिया कप का पहला सीजन जीत लिया था।
इसके बाद दूसरा एशिया कप 1986 में श्रीलंका में होना था। लेकिन उस वक्त श्रीलंका में वॉर चल रहा था। ऐसे में सुरक्षा कारणों से भारत सरकार ने BCCI को टीम को श्रीलंका न भेजने का आदेश दिया। नतीजा ये हुआ कि भारत ने टूर्नामेंट का बॉयकॉट कर दिया।
भारत की जगह इस टूर्नामेंट में एक नई टीम उतरी। वो कोई और नहीं बांग्लादेश क्रिकेट टीम थी, जिन्होंने उस वक्त तक एक भी वनडे मैच नहीं खेला था। एशिया कप 1986 में ही बांग्लादेश ने अपना वनडे डेब्यू किया।
जहां पहले मैच में उनका सामना पाकिस्तान से हुआ। उस मैच में बांग्लादेश ने सिर्फ 95 रन बनाए और पाकिस्तान ने 32 ओवर में मैच जीत लिया।
श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में बांग्लादेश ने 131 रन बनाए, जिसे श्रीलंका ने 31 ओवर में हासिल कर लिया। वहीं, फाइनल में श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप का खिताब जीता।
बांग्लादेश ने 1988 एशिया कप किया होस्ट
बांग्लादेश की टीम फिर एशिया कप का हिस्सा बन गई और 1988 के एडिशन में उन्होंने टूर्नामेंट की मेजबानी की। भारतीय टीम ने इस एडिशन में वापसी की और श्रीलंका को फाइनल में हराकर दूसरी बार खिताब जीता। भारत ने फिर एशिया कप की मेजबानी 1990 में पहली बार की।
उस दौरान पाकिस्तान ने बॉयकॉट किया और फिर से श्रीलंका को हराकर भारत ने एशिया कप का खिताब अपने पास रखा। 1993 में फिर खेले जाने वाला एशिया कप का एडिशन कैंसल हुआ। 1995 में टूर्नामेंट की वापसी हुई और एक बार फिर भारत ने श्रीलंका को फाइनल में हराकर ये ट्रॉफी जीती।