एजुकेशन सिस्टम में टीचर स्तर को सुधारने के लिए सरकार बैचलर ऑफ एजुकेशन यानी बीएड कोर्स में एक बार फिर बदलाव करने जा रही है, जिसमें दो साल के बीएड कोर्स को खत्म कर 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू किया जाएगा. पहले बीएड कोर्स एक साल का था जिसे बदलकर दो साल का कर दिया गया था. लेकिन अब इस कोर्स में फिर से बदलाव किया जा रहा है.
12वीं के छात्रों को मिलेगा फायदा
इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू होने के बाद 12वीं पास छात्रों को फायदा मिल सकता है. 12वीं पास छात्र बीएड की पढ़ाई कर सकेंगे. फिलहाल एजुकेशन सिस्टम के अनुसार वहीं छात्र बीएड में एडमिशन ले सकते हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन की हो.
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) की ओर से एमएचआरडी को बीएड कोर्स में बदलाव को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं अगर इस प्रस्ताव को मंजूर किया जाता है तो इस साल (2018) प्रदेश के कॉलेजों में दो साल का यह आखिरी बीएड प्रोग्राम कोर्स होगा.चर्चा ये चल रही है कि दो साल का प्रोग्राम अब बंद कर दिया जाएगा.
क्यों 4 साल को होगा बीएड कोर्स
एचआरडी मिनिस्ट्री के अधिकारियों के मुताबिक इसका मकसद यह भी है कि वहीं लोग टीचिंग प्रफेशन में आएं जो इसे लेकर गंभीर हैं. क्योंकि वह जैसा पढ़ेंगे वैसी ही शिक्षा छात्रों के देंगे. एजुकेशन सिस्टम में सुधार लाना है, तो पहले टीचर स्तर में सुधार लाना जरूरी है.
बीएड राज्य प्रवेश परीक्षा के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रो एनके खरे ने बताया कि, संभव है कि यह अंतिम दो साल का बीएड कोर्स हो सकता है. अगर चार साल का बीएड शुरू हो जाएगा तो इसे बंद करने की पूरी संभावना है.
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