सूर्य का वृषभ राशि में गोचर
सूर्य को सभी सभी ग्रहों का प्रधान बोला गया है 14 मई 2021 को मेष राशि वृषभ राशि में सूर्य देव प्रवेश करेंगे। वृषभ राशि में गोचर करने से बुध देव की सूर्य देव की युति होगी। इस राशि में सूर्य देव 15 जून तक वृषभ राशि में विराजित रहेंगे ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रह को आत्मा मान सम्मान प्रतिष्ठा और उच्च पद का कारक माना जाता है जिसके फलस्वरूप वृषभ राशि में सूर्य का गोचर करने से उनके दांपत्य जीवन और सहभागिता में प्रभाव पड़ेगा, सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
बता दे कि मई के महीने में सूर्य बुध और शुक्र ग्रह का गोचर होगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस महीने में दो ग्रह दो बार राशि परिवर्तित करेंगे। यह 2 ग्रह है शुक्र और बुध ग्रह।
बुध ग्रह महीने के शुरुआती पहले दिन शुक्र की राशि यानी की वृषभ राशि में गोचर करेंगे यहां राहु ग्रह पहले से ही विराजित है आपको यह भी बता दें कि इस राशि में बुध ग्रह 26 मई तक रहेंगे।
26 मई के बाद बुध ग्रह अपनी राशि परिवर्तित करेंगे और वृषभ राशि से अपनी स्वराशि यानी की मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
इसके बाद मिथुन राशि से बुध ग्रह 3 जून तक स्थित बनाए रखेंगे और 30 मई को बुध ग्रह मिथुन राशि में ही वक्र हो जाने की संभावना है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को एक मजबूत और तटस्थ ग्रह माना जाता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है वह स्वभाव से बहुत संकोची स्वभाव के होते हैं। ऐसे जातकों का स्वभाव ऐसा होता है कि वह अपनी बात सबके सामने नहीं रख पाते और वाणी से हमेशा कटु वचन ही बोलते हैं जिसकी वजह से इनका स्वभाव और उनके कार्य बिगड़ जाते हैं।
शुक्र ग्रह का वृषभ राशि में गोचर
जो दो ग्रह दोबारा शुरू में गोचर करेंगे वह एक गृह शुक्र भी हैं। शुक्र ग्रह मेष राशि की परिक्रमा पूरी करके 4 मई को दोपहर के 1:00 बज के 23 मिनट के लगभग अपनी स्वराशि वृषभ राशि में गोचर करेंगे यानी प्रवेश करेंगे। 28 मई तक शुक्र है अपनी स्वराशि में रहेंगे और उसके बाद मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शुक्र ग्रह को राजसी जीवन, फैशन मनोरंजन रोमांस और प्रेम का कारक माना जाता है। वृषभ राशि में गोचर करने से इससे बहुत अच्छा या शानदार माना जा सकता है वृषभ राशि के लिए शुक्र ग्रह का गोचर करना वृषभ राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा।
वंदना