लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने हाईकोर्ट का रुख किया है।
आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ जाकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दरअसल आम आदमी पार्टी सरकार ने साल 2015 में अपने 21 विधायकों को विधायक रहते हुए संसदीय सचिव का कार्यभार भी दे रखा था। इसी के खिलाफ प्रशांत पटेल नाम के वकील ने राष्ट्रपति के पास शिकायत दी और मांग की कि इन 21 विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए।
इस मामले में लंबी कार्रवाई चली और आज चुनाव आयोग ने अपना फैसला ले लिया है और अंतिम कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश भेज दी है।
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