इस्लामाबाद: 20 साल की उम्र की नौरील लेघारी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने आतंकी हमले की साजिश के चलते गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने बताया कि लाहौर में ईस्टर संडे पर एक चर्च को निशाना बनाने के लिए एक आत्मघामी हमलावर के तौर पर उसका इस्तेमाल किया जाना था। 14 अप्रैल को लाहौर में आतंक निरोधी ऑपरेशन में नौरीन को गिरफ्तार किया गया था।
वह सिंध के जमशोरो में लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ सांइसेज की दूसरे वर्ष की छात्रा थी। पाकिस्तान के हैदराबाद की रहने वाली नौरीन 10 फरवरी से लापता थी। उसके घरवालों ने अपहरण का मामला दर्ज कराया था। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान नौरीन से जुड़ा एक वीडियो दिखाया था। उसमें नौरीन ने स्वीकार किया कि आईएसआईएस उसे ईस्टर संडे पर चर्च पर हमला करने के लिए आत्मघाती विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल करने वाला था।
उसने बताया कि आईएसआईएस में शामिल होने के लिए फरवरी में वह सीरिया गई और हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी लिया। चर्च पर हमले के लिए उसे आईएस ने दो आत्मघाती जैकेट, चार ग्रेनेड और कुछ गोलियां दी थीं। लेकिन सुरक्षाबलों ने शुक्रवार रात को एक आतंकवादी को मार गिराया और इस महिला समेत दो अन्य को गिरफ्तार कर लियाए जिससे इस हमले की योजना विफल हो गई। पाकिस्तान अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नौरीन करीब तीन सप्ताह पहले लाहौर आयी और सुरक्षाकर्मी उस पर नजर रखे हुए थे। उसने सोशल मीडिया के जरिये आतंकवादियों से संपर्क किया। अपना घर छोडऩे और आतंकवादियों के साथ शामिल होने के बाद उसने लाहौर के अली तारिक से शादी की जो शुक्रवार रात को पंजाब हाउसिंग सोसायटी में मुठभेड़ में मारा गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति नौशाद शेख ने कहा कि युवती लंबे समय से सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के संपर्क में थीए जिसने उसे कट्टरपंथी बना दिया। लाहौर पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि वह फेसबुक पर आईएस से जुड़े एक व्यक्ति के संपर्क में थी जहां उसने बगदादी के प्रति निष्ठा जताई थी। चरमपंथी विचारों के कारण फेसबुक ने उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया था। बताया जा रहा है कि आईएसआईएस के संपर्क में आने के बाद से उसके व्यवहार में काफी बदलाव आ गया था।