पंजाबन नेशनल बैंक महाघोटाले में जांच एजेंसियां लगातार नीरव मोदी और अन्य आरोपियों पर शिकंजा कसती जा रही हैं. पिछले साल नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ जांच के दौरान आयकर विभाग को 49 अरब रुपये की अघोषित आय का पता चला था. आयकर विभाग की वह रिपोर्ट इंडिया टुडे के पास है, जिसमें इस बात का जिक्र है.
रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग की इसी जांच के दौरान विभाग को नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई सबूत मिले. यह जानकारी जनवरी, 2017 में हुई जांच के दौरान पता चली थी.
दूसरी तरफ, मुंबई पुलिस टीम और सीबीआई अधिकारी उस बिल्डिंग में पहुंच गए हैं, जहां गोकुलनाथ शेट्टी का घर है. मुंबई पुलिस सीबीआई अधिकारियों की मदद के लिए यहां पहुंची है. यहां महिला पुलिस कांस्टेबल भी मौजूद हैं.
पीएनबी महाघोटाला मामले में जो नई एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें 143 LoU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) का जिक्र है. इसके साथ ही 224 से ज्यादा फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट का भी जिक्र इसमें किया गया है. ये LoUs उन 150 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग से अलग है, जिनका जिक्र 31 जनवरी को की गई एफआईआर में है.
LoU क्या है?
लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) एक तरह से बैंक गारंटी होती है. यह आयात के लिए ओवरसीज भुगतान करने के लिए जारी किया जाता है. LoU जारी करने वाला बैंक गारंटर बन जाता है और वह अपने क्लाइंट के लोन पर प्रिंसिपल अमाउंट और उस पर लगने वाले ब्याज को बेशर्त भुगतान करना स्वीकार करता है.
जब LoU जारी किया जाता है तो इसमें इसे जारी करने वाला बैंक, स्वीकार करने वाला बैंक, आयातक और विदेश में इससे लाभान्वित होने वाली कंपनी शामिल होती है. पीएनबी के मामले में फर्जी LoU हासिल किए गए और इन्हीं के आधार पर एक्सिस और इलाहाबाद जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं से लोन लिए गए थे.
क्या है घोटाला?
बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक में हुए करीब 11000 करोड़ रुपये के महाघोटाला मामले में अरबपति ज्वैलरी डिज़ाइनर नीरव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. गुरुवार को ईडी ने देशभर में उनके कई ठिकानों पर छापेमारी भी की है. इस मामले का खुलासा होने के बाद से अब तक नीरव मोदी ना तो सीबीआई के अफसरों से मिले हैं और ना ही ईडी में उन्होंने कोई सफाई दी है. सीबीआई ने उनके खिलाफ जांच तेज कर दी है.
सरकार द्वारा संचालित पंजाब नेशनल बैंक की एक मुंबई स्थित ब्रांच में कई फ्रॉड ट्रांजैक्शन्स का पता चला है. शेयर बाजार को दी गई सूचना के मुताबिक ब्रांच में कुल 11,360 करोड़ रुपये के फ्रॉड ट्रांजैक्शन्स को अंजाम दिया गया है.