भारत का सपना है कि 2047 तक वह एक उच्च आय वाला (High-Income) विकसित देश बन जाए। लेकिन, क्या यह इतना आसान है? वर्ल्ड बैंक की लेटेस्ट रिपोर्ट बताती है कि इस लक्ष्य को पाने के लिए भारत को औसतन 7.8% की सालाना जीडीपी ग्रोथ बनाए रखनी होगी।
भारत 2000 से 2024 के बीच औसतन 6.3% की विकास दर हासिल कर चुका है। हालांकि, आगे का सफर मुश्किल हो सकता है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट “Becoming a High-Income Economy in a Generation” में कहा है कि भारत को अपनी वित्तीय नीतियों में सुधार करने होंगे। साथ ही, श्रम (Labour) और भूमि (Land) से जुड़े नियमों को और लचीला बनाना होगा। ग्लोबल मार्केट से खुद को बेहतर तरीके से जोड़ना होगा।
भारत हाई-इनकम देश बन सकता है?
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट साफ कहती है कि भारत अपने मौजूदा तरीके से आगे बढ़ता रहा, तो 2047 तक हाई-इनकम देश बनने का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगा। इसके लिए ग्रोथ की रफ्तार तेज करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2047 तक भारत को अपनी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI per capita) को 8 गुना तक बढ़ाना होगा। इतनी ऊंची विकास दर को अगले 20 साल तक बनाए रखना होगा, जो अब तक बहुत कम देशों ने किया है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बनी हुई है, इसलिए भारत को सिर्फ मौजूदा सुधारों को बनाए रखने से काम नहीं चलेगा, बल्कि और अधिक सुधार करने होंगे।
भारत के लिए कौन से सुधार जरूरी?
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई अहम सुधार किए हैं। जैसे कि भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रयास, इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश, डिजिटलीकरण को बढ़ावा, मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता को मजबूत करना। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, ये सुधार ही काफी नहीं हैं। अगर भारत को 2047 तक हाई-इनकम देश बनना है, तो सुधारों की रफ्तार और तेज करनी होगी।
वर्ल्ड बैंक ने बताए 4 अहम सुधार क्षेत्र
वर्ल्ड बैंक का कहना है कि साल 2047 तक विकसित होने के लिए भारत को चार अहम सुधार करने होंगे।
निवेश को बढ़ाना: बुनियादी ढांचे और उद्योगों में ज्यादा पूंजी झोंकनी होगी।
संरचनात्मक परिवर्तन (Structural Transformation): पारंपरिक क्षेत्रों से नई तकनीकों की ओर शिफ्ट होना होगा।
रोजगार सृजन: बेहतर नौकरियां पैदा करनी होंगी और ज्यादा संख्या में करनी होगी।
महिलाओं की भागीदारी: भारत को महिला श्रम भागीदारी दर 35.6% से बढ़ाकर 50% करनी होगी।
वर्ल्ड बैंक के भारत कंट्री डायरेक्टर ऑगस्ट तानो कौमे (Auguste Tano Kouame) के मुताबिक, चिली, कोरिया और पोलैंड जैसे देशों से भारत को सीख लेनी होगी कि उन्होंने किस तरह मिड-इनकम से हाई-इनकम ग्रुप में छलांग लगाई।
भारत की अब तक की ग्रोथ कितनी रही?
2000 से अब तक भारत की अर्थव्यवस्था 4 गुना बढ़ी है।
GDP प्रति व्यक्ति आय (Per Capita GDP) लगभग तीन गुना हो चुकी है।
भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी 1.6% (2000) से बढ़कर 3.4% (2023) हो गई है।
भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
यह साफ है कि भारत की अब तक की यात्रा बेहद शानदार रही है, लेकिन 2047 तक हाई-इनकम देश बनने का सफर आसान नहीं होगा।
कितनी हो सकती है भारत की ग्रोथ?
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी ग्रोथ ग्रोथ के तीन अनुमान है। भारत किस दर से विकास करेगा, यह काफी हद तक उसके नीतिगत सुधार पर निर्भर करेगा।
सामान्य विकास (Baseline Growth): भारत की मौजूदा नीतियों के साथ 6-6.5% की ग्रोथ बनी रहेगी, लेकिन यह हाई-इनकम ग्रुप तक पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।
मध्यम गति से सुधार (Moderate Reforms): कुछ अतिरिक्त सुधारों के साथ विकास दर 7% के आसपास रह सकती है।
तेज रफ्तार सुधार (Accelerated Reforms): अगर भारत बड़े पैमाने पर सुधार करता है, तो 7.8% या उससे अधिक की विकास दर हासिल कर सकता है।
2047 तक भारत को क्या करना होगा?
शिक्षा और कौशल विकास में निवेश बढ़ाना होगा।
व्यापार नियमों को सरल और लचीला बनाना होगा।
निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन देना होगा।
महिलाओं को कार्यबल में लाने के लिए सामाजिक और आर्थिक नीतियों में बदलाव करना होगा।
डिजिटल और ग्रीन टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर उपयोग करना होगा।
भारत ने अब तक आर्थिक सुधारों की जो गति दिखाई है, वह भविष्य के लिए मजबूत नींव रखती है। लेकिन अगर भारत को 2047 तक हाई-इनकम देश बनना है, तो मौजूदा सुधारों को और तेज करना होगा और वैश्विक स्तर पर खुद को और मजबूत करना होगा। वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट भारत के लिए “चेतावनी” से अधिक “संभावना” की तरह है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि अगर भारत जरूरी सुधार करे, तो 2047 तक उच्च आय वाला (High-Income) देश बन सकता है।