
2011-12 तक 90 फीसदी घरों में सुधरी पेयजल व्यवस्था
1992-93 में जहां 68 फीसदी घरों में पानी की पाइपलाइन पहुंची थी, वहीं 2011-12 तक यह 90 फीसदी घरों में पहुंच गई है। इससे लोगों को साफ पीने का पानी मिल रहा है। पीने का साफ पानी आसानी से घरों तक पहुंच रहा है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्रमीण पेयजल और नमामि गंगे जैसे कार्यक्रम चला रखे हैं जिससे गंगा नदी की सफाई और संरक्षण को काफी बल मिल रहा है।
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जलविद्युत परियोजनाओं से मिलती है 16 फीसदी बिजली
पूरे विश्व में 16 फीसदी बिजली जलविद्युत परियोजनाओं से मिलती है। भारत में भी कई नदियों पर बने डैम से भी इस तरह की बिजली का उत्पादन होता है, जिससे लाखों घरों में रोशनी रहती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर राज्यों में इन्हीं जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पादित होने वाली बिजली से दूर-दराज के इलाकों में भी बिजली पहुंच गई है।
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