इस तरह पड़ता है चंद्रग्रहण
सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाती है तो यह ज्यामितीय स्थिति चन्द्रग्रहण कहलाती है। अतएव चंद्रग्रहण सिर्फ पूर्णिमा को ही घटित हो सकता है। ग्रहण का प्रकार एवं अवधि सूर्य और धरती के मध्य चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर होता है। ग्रहण का शाब्दिक अर्थ है, ग्राह्य, अंगीकार, स्वीकार, धारण या प्राप्त करना। लिहाजा आध्यात्मिक मान्यताएं ग्रहण काल में ब्रह्माण्डीय ऊर्जा को अंगीकार करने के लिए जप, तप, उपासना, साधना, ध्यान और भजन का निर्देश देती हैं। आपको बता दें आज पड़ने वाले इस ग्रहण के बारे में ज्योतिषों ने बताया है कि यह चंद्रग्रहण पृथ्वी की छाया के बीच से चंद्रमा के सीधे गुजरने के कारण इसका समय इतना लंबा होगा। इस दौरान सूर्य से दूरी अधिक होने के कारण पृथ्वी की छाया का आकार बड़ा होगा।
आज समय के साथ इस तरह बदलेगा चांद का आकार
भारत में आज देर रात से चंद्रग्रहण का असर दिखना शुरू होगा। धीरे-धीरे चांद का रंग लाल होता जाएगा और एक समय ऐसा आएगा जब चांद पूरी तरह से गायब हो जाएगा।
शुक्रवार देर रात 10.53 पर चांद पर ग्रहण का असर शुरू होगा, हालांकि नंगी आंखों से कुछ नहीं दिखेगा।
शुक्रवार रात्रि 11.54 पर धीरे-धीरे ग्रहण का असर नंगी आंखों से देख पाएंगे।
देर रात 1.51 पर चंद्रग्रहण अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा, ये ही पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
2.43 पर धीरे-धीरे ग्रहण का असर कम होगा।
शनिवार सुबह प्रातः 5.00 बजे चंद्रग्रहण का असर खत्म होगा।
आज दोपहर से ही बंद हो जाएंगे कई बड़े मंदिरों के पट
चंद्र ग्रहण 5 ग्रहों बुध, शुक्र, बृहस्पति, शनि और मंगल के साथ बड़ा चक्कर लगाएगा। चंद्रग्रहण के कारण ही देशभर के कई बड़े मंदिर दोपहर बाद ही बंद हो जाएंगे। हरिद्वार, वाराणसी और इलाहाबाद में हर शाम होने वाली गंगा आरती भी दोपहर को होगी। चंद्रग्रहण के कारण ही दोपहर एक बजे गंगा आरती का विशेष आयोजन किया जाएगा। देश के कई बड़े मंदिरों में दोपहर दो बजे के बाद दर्शन नहीं हो पाएंगे।
आकाश में एक रेखा में चमकीले ग्रह, शुक्र, बृहस्पति, शनि, मंगल, एक बड़े घेरे में दिखाई देंगे। सूरज ढलने के ठीक बाद बुध पश्चिम में दिखाई देगा। पश्चिम में शुक्र को देखा जा सकेगा। मध्य आकाश में शनि के बाद बृहस्पति दिखाई देगा। मंगल ग्रह लाल रंग के साथ पूर्वी आकाश में दिखाई देगा।