कोलकाता: डेंगू जैसी भयानक बीमारी से बचने के लिए देश से लेकर विदेश में तरह तरह के शोध हो रहे हैं। अब कलकत्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता एक खास मच्छर के प्रजनन पर ध्यान दे रहे हैं। यह मच्छर है लुत्जिया फुसाना जो डेंगू पैदा करने वाले ऐडीज एजिप्टी मच्छर के लार्वा को खा जाता है।
इन्होंने चावल के खेत, दलदल, झरने और झाडिय़ों सहित अन्य स्थानों से अविकसित लुत्जिया को इक किया है। लैबरेटरी में देखा गया कि लुत्जिया के लार्वा ऐडीज मच्छर को खाने को उत्सुक दिख रहे थे। यह प्रतिदिन औसतन 19.24 लार्वा खा जाता है। इसकी प्रजाति बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, साउथ कोरिया, मकाउ, मलयेशिया, मरियाना आइलैंड, वेक आइलैंड, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, फिलिपींस, रूस, सिंगापुर, श्रीलंका, थाइलैंड, तिमोर और वियतनाम में पाई गई है।
शोधकर्ताओं की रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में इटली की एक मैगजीन में प्रकाशित हुई थी। कोलकता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने कहा अगर कोलकाता कॉर्पोरेशन इस मच्छर के लार्वा को फैला दे तो ऐडीज के लार्वा खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरी तरह विकसित मच्छर फल और पत्तियों के रसीले हिस्से को खा सकता है। हम डेंगू वाले मच्छर को मारने के लिए खतरनाक रसायन इस्तेमाल करते हैं। लेकिन लुत्जिया के लार्वा बेहतर समाधान हो सकते हैं।
कोलकता यूनिवर्सिटी के 5 शोधकर्ताओं ने लुत्जिया पर शोध किया है। यूनिवर्सिटी प्रफेसर गौतम आदित्य का कहना है कि लुत्जिया के लार्वा को अमेरिका और जापान में नगरनिगम द्वारा फैलाया जाता है। लुत्जिया किसी वायरस फैलाने वाले मच्छर को खत्म करने में किसी और प्रक्रिया से ज्यादा प्रभावी है।