ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की ढैया या उल्टी चाल काफी कष्टकारी कही जाती है। जब शनि देव अपनी चाल से उल्टा चलने लगे तो जातक के ग्रह नकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं। जिसे शनि का वक्री होना कहा जाता है। बता दें कि 23 मई से 11 अक्टूबर तक शनि की टेढ़ी दृष्टि रहेगी या यह कहें कि शनि वक्री रहेंगे। 23 मई से 11 अक्टूबर कुल मिलाकर 141 दिनों में उन जातकों के लिए कष्टकारी रहेगा जो सनी की दया से पीड़ित है उनकी और मुसीबतें बढ़ सकती हैं। हालांकि शनि की ढैया या वक्री दृष्टि से कुछ उपाय करने के साथ ही उन उपायों से राहत भी पाई जा सकती है।
कौन सी राशि है शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित
सबसे पहले यह जान ले लेना बेहद जरूरी होता है कि वह कौन सी राशियां है जो शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित है। तो आपको बता दे कि वो राशि है धनु, मकर और कुंभ।
धनु राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। वही मकर राशि के जातकों पर यह दूसरा चरण चल रहा है। बात अगर कुंभ राशि की करे तो इस राशि के जातकों पर शनिदेव की साढ़ेसाती का यह पहला चरण चल रहा है। शनि की साढ़ेसाती के दौरान मानसिक तनाव और शारीरिक कष्ट के साथ ही आर्थिक कष्ट का सामना भी करना पड़ता है। धनु राशि के जातकों को बता दें कि आपको शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति 29 अप्रैल 2022 तक मिल पाएगी। वही मकर और कुंभ वालों को इससे मुक्त होने में अभी थोड़ा सा समय लगेगा।
कौन राशि है शनि की ढैया से पीड़ित
यह राशियां है मिथुन और तुला। मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैया चल रही है और दोनों ही राशियों को साल 2022 में 29 अप्रैल को शनि की ढैया से स्वतंत्र होने की संभावना है। अगर बात वृश्चिक राशि और कर्क राशि के जातकों की करें तो इन राशि के जातकों पर चोट चपेट या दुर्घटना होने की आशंका है। हर काम में बाधाएं आने की संभावनाएं बनी हुई है ।
शनि को मजबूत करने के लिए क्या करें उपाय
शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित जातकों को शनि देव को खुश करने के लिए कुछ उपाय करने पर हद कारगर है। शनिवार के दिन ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का तीन बार माला का जप कर शनिदेव को याद करें और पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं और पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर आप 108 बार शनिदेव के मंत्रों का जाप करें जिससे शनिदेव खुश होंगे और आप के कष्टों को दूर कर देंगे और इतना ही नहीं आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें जिससे कि आपकी शनि की दया से आपको मुक्ति मिल जाएगी। संकट मोचन हनुमान जी को याद करें और सुंदरकांड का पाठ जरूर करना चाहिए शनिदेव प्रसन्न होते हैं।