नई दिल्ली : देश और विदेशों में बड़ी हुई टेक्नालजी के साथ ही अब ड्राइवर लेस कार भी सड़क पर देखने को मिल सकती है। मोटर वीइकल्स ऐक्ट में प्रस्तावित संशोधनों से सरकार ड्राइवर के बिना चलने वाली गाडिय़ों की टेस्टिंग के लिए परमिट दे पाएगी।
ड्राइवर के बिना चलने वाली गाडिय़ों पर गूगल,टेस्ला और ऊबर जैसी कंपनियां तेजी से काम कर रही हैं। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार मोटर वीइकल्स ऐक्ट में संशोधन होने के बाद एक-एक करके ऐसी गाडिय़ों की टेस्टिंग की इजाजत देगी। इस कदम से ड्राइवरलेस टेक्नॉलजी पर काम कर रहीं भारतीय कंपनियां भी स्वचलित गाड़ी बनाने की वैश्विक दौड़ में हिस्सा ले पाएंगी। टाटा ग्रुप की डिजाइन और तकनीकी शाखा टाटा एलेक्सी भी ड्राइवरलेस कार को टेस्ट करने की तैयारी में है।
हालांकि कंपनी ने इस रिपोर्ट पर कमेंट करने से इनकार कर दिया। प्रस्तावित संशोधन मोटर वीइकल्स संशोधन बिल 2016 का हिस्सा हैं। यह बिल ट्रैफि क नियम तोडऩे पर भारी जुर्माने के प्रावधानों के कारण चर्चा में था। इस बिल को संसद में अगस्त 2016 में पेश किया गया था। जहां से बिल को संसद की स्थाई समिति में भेज दिया गया। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा बिल के पास होने के बाद स्वचलित गाडिय़ों के क्षेत्र में नई इनोवेशन्स किए जा सकेंगे।
भले ही भारत में अभी स्थिति बिना ड्राइवर गाडिय़ों के चलाने की नहीं है लेकिन कानून में बदलाव होने के बाद इसके लिए जमीन तैयार होने लगेगी। उन्होंने कहा हो सकता है भविष्य में सेमी-ऑटोनमस या ऑटोनमस तकनीक को कुछ रूट्स पर टेस्ट किया जा सकता है। वैश्विक रूप से कार बनाने वाली और तकनीकी कंपनियां जैसे टेस्ला मोटर्स, चीन की बाइडू, गूगल, ऊबर, फोर्ड और जनरल मोटर्स ड्राइवरलेस कारों पर काम कर रही हैंए जिन्हें दुनिया भर में टेस्ट किया जा रहा है।