
दोनों अधिवेशन में भले ही नहीं आए लेकिन अखिलेश को न केवल बधाई दी बल्कि आशीर्वाद भी दिया।
अखिलेश यादव पहली बार जनवरी 2017 में मुलायम सिंह यादव को हटाकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। उनका चुनाव विशेष अधिवेशन में हुआ था।
इसके नौ माह बाद बृहस्पतिवार को ताजनगरी में सपा के 10वें अधिवेशन में वह दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए। इससे पहले लगातार 24 साल मुलायम पार्टी अध्यक्ष रहे।
पहली बार अध्यक्ष के रूप में अखिलेश के निर्वाचन को खुद मुलायम सिंह ने चुनौती दी थी और विशेष अधिवेशन को पार्टी संविधान के खिलाफ बताया था। अब स्थितियां बदली हुई हैं।
कुछ दिन पहले ही मुलायम ने पुत्र के रूप में अखिलेश को आशीर्वाद दिया। इतना ही नहीं, 3 अक्तूबर को शिवपाल यादव ने अखिलेश को पुत्रवत बताया और आशीर्वाद दिया।
आगरा अधिवेशन में जब अखिलेश दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए तो शिवपाल ने सबसे पहले ट्वीट कर उनकी ताजपोशी को मान्यता दी। उन्होंने लिखा, अखिलेश को हार्दिक बधाई, हृदय से शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद।
ये वही शिवपाल हैं जो पिछले नौ महीने से नेताजी के सम्मान वापसी की लड़ाई लड़ रहे थे और उन्हें फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे।
उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं हुई। माना जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम के चलते माहौल में बदलाव आया है। अखिलेश को पिता मुलायम सिंह व चाचा शिवपाल का आशीर्वाद मिलने के बाद किसी ने उनके खिलाफ टिप्पणी नहीं की।
पिछले हफ्ते अखिलेश मिलने गए तो मुलायम ने उनसे शिवपाल सिंह यादव को राष्ट्रीय टीम में समायोजित करने के लिए कहा। अगर उनकी बात मानी गई तो भविष्य में सपा में सुलह का रास्ता साफ हो सकता है और पिछले 13 महीने से चल रही कलह समाप्त हो सकती है।
दोपहर वह अमौसी एयरपोर्ट तक गए लेकिन वापस चले गए। हालांकि अधिवेशन में उनके पहुंचने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इधर, सपा का अधिवेशन भी समय से पहले समाप्त कर दिया गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अखिलेश यादव को शाम को 5 बजे समापन भाषण देना था लेकिन 2 बजे ही समापन भाषण करा दिया गया।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features