अभी-अभी शिवपाल यादव ने ऐसा ने ऐसा बयान दिया की टूट न जाए यादव परिवार. शिवपाल यादव ने कहा ये समाजवादियों की नहीं बल्कि घमंड की हार हुई
लखनऊ ।
समाजवादी पार्टी की शर्मनाक हार के बाद एक बार फिर पुराना पारिवारिक झगड़
तूल पकड़ा दिख रहा है। जहां अब तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव
ने चुनाव में हार के लिए कुछ भी नहीं कहा है, वहीं उनके चाचा शिवपाल यादव
ने बताया कि मीडिया को बड़ा बयान दिया है। शिवपाल यादव का कहना है कि इस
हार के लिए समाजवादियों की नहीं बल्कि घमंड की हार हुई है।
उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरा अपमान किया गया।
नेता जी का अपमान किया गया। इसलिए सपा को हार मिली। राजनीति के जानकार भी
इस बात को पहले ही कह चुके थे कि अगर इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को
हार का सामान करना पड़ता है तो पार्टी के किनारे किये गये शिवपाल यादव
इसके लिए सीधे अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहरायेंगे। वैसे अगर देख जाये तो
कुछ माह पहले समाजवादी पार्टी के बीच हुए गृह युद्घ के बाद जनता के बीच
पार्टी की छवि काफी खराब हुई थी। अखिलेश यादव और प्रोफेसर राम गोपाल यादव
एक तरफ थे, जबकि मुलायम सिंह और उसके भाई शिवपाल यादव एक तरफ थे। दोनों
ही खेम्मों में आरोप और प्रत्यारोप का दौर जमकर चला था। यहां तक कि
पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर दोनों गुट चुनाव आयोग तक पहुंच गये थे।
बाद में मुलायम सिंह बेकफुट पर आने के चलते साइकिल चुनाव चिन्ह अखिलेश
यादव को मिल गया था और वह पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष बन गये थे।
अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी के राष्टï्रीय
अध्यक्ष पद से हटाते हुए उनको पार्टी का संरक्षक बना दिया था। इस पर
चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने न तो दिल खोलकर प्रचार प्रसार किया और न
ही उनको इस बात की उम्मीद थी कि पार्टी जीतेगी। मुलायम सिंह ने समाजवादी
पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को भी गलत बताया था। वहीं समाजवादी पार्टी के
अहम अंग कहे जाने वाले शिवपाल यादव को भी इस बार चुनाव में कोई बड़ी
जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी। यहां तक कि उनको स्टार प्रचारकों में भी जगह
नहीं मिली थी।
लखनऊ ।
समाजवादी पार्टी की शर्मनाक हार के बाद एक बार फिर पुराना पारिवारिक झगड़
तूल पकड़ा दिख रहा है। जहां अब तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव
ने चुनाव में हार के लिए कुछ भी नहीं कहा है, वहीं उनके चाचा शिवपाल यादव
ने बताया कि मीडिया को बड़ा बयान दिया है। शिवपाल यादव का कहना है कि इस
हार के लिए समाजवादियों की नहीं बल्कि घमंड की हार हुई है।
उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरा अपमान किया गया।
नेता जी का अपमान किया गया। इसलिए सपा को हार मिली। राजनीति के जानकार भी
इस बात को पहले ही कह चुके थे कि अगर इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को
हार का सामान करना पड़ता है तो पार्टी के किनारे किये गये शिवपाल यादव
इसके लिए सीधे अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहरायेंगे। वैसे अगर देख जाये तो
कुछ माह पहले समाजवादी पार्टी के बीच हुए गृह युद्घ के बाद जनता के बीच
पार्टी की छवि काफी खराब हुई थी। अखिलेश यादव और प्रोफेसर राम गोपाल यादव
एक तरफ थे, जबकि मुलायम सिंह और उसके भाई शिवपाल यादव एक तरफ थे। दोनों
ही खेम्मों में आरोप और प्रत्यारोप का दौर जमकर चला था। यहां तक कि
पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर दोनों गुट चुनाव आयोग तक पहुंच गये थे।
बाद में मुलायम सिंह बेकफुट पर आने के चलते साइकिल चुनाव चिन्ह अखिलेश
यादव को मिल गया था और वह पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष बन गये थे।
अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी के राष्टï्रीय
अध्यक्ष पद से हटाते हुए उनको पार्टी का संरक्षक बना दिया था। इस पर
चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने न तो दिल खोलकर प्रचार प्रसार किया और न
ही उनको इस बात की उम्मीद थी कि पार्टी जीतेगी। मुलायम सिंह ने समाजवादी
पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को भी गलत बताया था। वहीं समाजवादी पार्टी के
अहम अंग कहे जाने वाले शिवपाल यादव को भी इस बार चुनाव में कोई बड़ी
जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी। यहां तक कि उनको स्टार प्रचारकों में भी जगह
नहीं मिली थी।