मां दुर्गा की महिमा अपरंपार है। वो कब किस भक्त क्या करा दें, कहा नहीं जा सकता। मां की जिस मूर्ति को 29 साल पहले कुएं में डालकर पाट दिया गया था, उसे फिर से खोदकर निकाला गया। आगे की स्लाइड में जानें इस रहस्यमयी मूर्ति की खासियत…अगर नहीं टिकती हाथ में सैलरी तो रविवार को जरुर करें ये उपाय…
यूपी के वाराणसी में चाहिन भवानी के नाम से प्रख्यात दुर्गा मंदिर में स्थापित 200 वर्ष पुरानी मूर्ति को 29 साल बाद ग्रामीणों ने कुआं खोदकर शनिवार को निकाल लिया। इस कार्य में लोगों को 11 दिन लगे। सुबह मूर्ति बाहर निकली तो दर्शनार्थियों की भीड़ जमा हो गई।
भक्त माता का जयकारा लगाते हुए फूल माला चढ़ाने लगे। बताया जा रहा है कि चोलापुर ब्लाक के उधोरामपुर गांव में 29 साल पहले इस मूर्ति को एक कुएं में डाल कर पाट दिया गया था। माता के भक्त कन्हैया यादव ने बताया कि मूर्ति 200 साल पुरानी है।
उधोरामपुर गांव से पांच किलोमीटर दूर स्थित हथियर चाहिन गांव में 29 साल पहले सब शांतिपूर्वक अच्छे से रहते थे। तभी वहां मां दुर्गा की इस मूर्ति की स्थापना की गई। इसके बाद वहां सब बीमार रहने लगे। कई दैवीय प्रकोप आए।
इसके बाद गांव के एक परिवार के द्वारा मूर्ति को खंडित बताते हुए गोमती नदी में प्रवाहित करा दी गई थी। पत्थर की मूर्ति पांच किलोमीटर पानी में बहते हुए उधोरामपुर गांव के गोमती नदी के किनारे आकर रुकी। मूर्ति को वहां देख हथियर गांव के लोग आश्चर्य में आ गए।
उन्होंने मूर्ति को उठाकर कुएं में फेंक दिया। अब 29 साल बाद मूर्ति में शक्ति का रूप मानते हुए तमाम किवंदती ग्रामीणों ने बताते हुए मूर्ति को निकालने के लिए खुदाई शुरू की। अब मंदिर में मूर्ति की स्थापना की तैयारी है।