कहते हैं कि यदि आप में टैलेंट है तो सफलता आपको जरूर मिलेगी लेकिन ये बात इन 3 भारतीय गेंदबाजों के लिए बिलकुल भी सही साबित नहीं हुई। अपने आखिरी मैच में दमदार प्रदर्शन करके 5 विकेट लेने के बावजूद इन्हें दूसरा मैच खेलने का मौका तक नहीं मिला। तो चलिए जानते हैं इन्हीं 3 बदकिस्मत बॉलर्स की कहानी।
इरफान पठान
भारत के स्टार खिलाड़ी और स्विंग गेंदबाज इरफान पठान ने इंडिया के लिए तीनों फॉर्मैट में खेला है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 में टेस्ट डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने इसी साल एक दिवसीय मैचों में अपना डेब्यू किया है। 120वां एक दिवसीय मुकाबला खेल रहे इरफान को शायद ही ये पता हो कि ये मुकाबला उनके करियर का आखिरी एक दिवसीय मुकाबला होगा। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में मैन ऑफ़ द मैच रहे इरफान ने 10 ओवर के कोटे में 61 रन देकर 5 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने का कारनामा किया था। इसके अलावा अपने बल्ले से महत्वपूर्ण 29 रन भी बनाए थे। इस वजह से टीम इंडिया को 20 रनों से जीत नसीब हुई थी। बैट और बॉल से यादगार परफॉर्मेंस देने के बावजूद इरफान को टीम से ड्राप कर दिया गया जिसके बाद उन्हें दोबारा एक दिवसीय मुकाबला खेलना नसीब ही नहीं हुआ।
अमित मिश्रा
अपने 18 साल लंबे करियर में मिश्रा ने भारत के लिए हर फॉर्मेट में हिस्सा लिया है। 2003 में एकदिवसीय मुकाबले से अंतरराष्ट्रीय मैचों में डेब्यू करने वाले अमित मिश्रा ने भारत के लिए 10 टी 20, 36 वन डे और 22 टेस्ट मुकाबलों में हिस्सा लिया है। मिश्रा ने अपना आखिरी एकदिवसीय मुकाबला 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। इस मैच में मिश्रा ने 6 ओवर में 2 मेडेन ओवर डालकर महज 18 रन ही खर्च किये थे। इस बीच उन्होंने 5 कीवी बल्लेबाजों को आउट भी किया था। उनकी खतरनाक बॉलिंग स्पेल की वजह से पूरी मेहमान टीम 79 रन पर ढेर हो गयी थी। इस मैच विनिंग परफॉर्मेंस के बाद भी मिश्रा को दोबारा एक दिवसीय मुकाबला खेलना नसीब नहीं हुआ।
प्रज्ञान ओझा
भारतीय पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने भी तीनों फॉर्मैट में अपना कमाल दिखया है। टेस्ट मैचों में आश्विन और प्रज्ञान की जोड़ी भारत के लिए काफी सफल साबित हुई थी। भारत के लिए ओझा ने 2009 में टेस्ट मैचों में प्रदार्पण किया था। कुल खेले गए 24 टेस्ट मैचों में 113 विकेट लेने वाले ओझा ने अपने आखिरी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 5 विकेट लेने का कारनामा किया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013 में खेले गए इस टेस्ट की दोनों पारियों में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद ओझा को दोबारा कभी भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। ओझा के लिए ये उनका आखिरी इंटरनैशनल मैच भी साबित हुआ थी।
ऋषभ वर्मा
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