3 अक्टूबर से iPhone यूजर्स को मिलेगा ऐप डेटा पर पूरा कंट्रोल

फेसबुक-कैंब्रिज अनालिटिका डेटा स्कैंडल के बाद कई कंपनियों ने इससे सबक लिया है. इनमें दुनिया की नंबर-1 कंपनी ऐपल भी है. ऐपल के सीईओ ने तब फेसबुक की प्राइवेसी पॉलिसी की जमकर आलोचना भी की थी. ऐपल ने ऐप स्टोर पर दिए गए ऐप्स को लेकर भी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट किया है.

3 अक्टूबर से ऐपल के ऐप स्टोर के सभी ऐप्स यूजर्स को ये बताएंगे कि उनका डेटा कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है. इतना ही नहीं यूजर्स अगर चाहें तो अपना डेटा ऐप्स को देने से मना कर सकते हैं और उस ऐप्स से अपना पर्सनल डेटा डिलीट करा सकते हैं.

iOS के लिए ऐप बनाने वाले सभी ऐप डेवेलपर्स को अपने ऐप्स को ऐप स्टोर की प्राइवेसी पॉलिसी के साथ लिंक करना होगा. इसके लिए कंपनी ने 3 अक्टूबर की डेडलाइन तय की है. आपको बता दें कि इससे पहले सिर्फ सब्सक्रिप्शन आधारित ऐप्स को ही ऐसा करना होता था. लेकिन अब यह सभी ऐप्स के लिए लागू होगा.

ऐपल के इस नियम से यूजर्स को दो फायदे होंगे. पहला ये कि यूजर्स इस बात को समझ पाएंगे कि ऐप द्वारा लिया गया उनका पर्सनल डेटा कैसे और कहां यूज किया जा रहा है. दूसरा ये कि ऐप डेवेलपर यूजर्स को खुद से बताएंगे कि यूजर्स कैसे दिए जाने वाले डेटा को रोक सकते हैं और जब भी चाहें अपना पर्सनल डेटा डिलिट कर सकते हैं.

गौरतलब है कि फेसबुक कैंब्रिज अनालिटिका डेटा स्कैंडल के बाद से यह मांग उठी की कंपनियां यूजर्स को ये बताएं कि उनका पर्सनल डेटा कहां और कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके बाद 25 मई को जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेग्यूलेशन कानून लागू किया गया. कंपनियों ने इसे अपनाते हुए यूरोपियन यूजर्स के लिए डेटा ट्रांसपेरेंट किया. इस कानून में यह प्रावधान है कि जो कंपनी इसका उल्लंघन करेगी उसके सालाना रेवेन्यू का 4 फीसदी पेनाल्टी के तौर पर वसूल किया जाएगा.

9टु5 मैक की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईफोन और आईपैड यूजर्स के लिए सफारी ब्राउजर में प्राइवेसी पॉलिसी लिंक ओपन होगी. ऐपल यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर पहले से ही मुखर रहा है और कई ऐसे उदाहरण मिले हैं जहां ऐपल ने यूजर्स की प्राइवेसी के साथ समझौता नहीं किया है.

क्या गूगल अपने प्ले स्टोर के लिए भी ऐसे नियम लाएगा? देखना दिलचस्प होगा.

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