दो दिन बाद यानि 30 अप्रैल को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस बार की पूर्णिमा बहुत ही खास है क्योंकि करीब 3 साल के बाद वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन सिद्धि योग भी बन रहा है। हिंदू पंचांग में इस योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध की जयंती भी है जिसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। 

शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा, विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा करने से चारो तरफ से सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। सिद्धि योग और सोमवार के चलते यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण हो गई है।
पूर्णिमा पर ज्योतिष में कुछ बताए गए हैं जिसको करने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का अंत हो जाता है। चंद्रमा को सफेद रंग और शीतलता का प्रतीक माना गया है इसलिए इस योग में दूध और शहद के उपाय से धन, मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
पूर्णिमा की तिथि पर सुबह स्नान के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजन करने के बाद दिनभर अपने मन में ऊं सोम सोमाय नम: के मंत्र का जप करें।
पूर्णिमा की रात को कच्चे दूध में पूजा के उपयोग में लाने वाले शहद और चंदन को मिलाकर उसमें अपनी छाया देखें फिर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
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