इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी का पर्व तीन दिन तक मनाया जाएगा। तिथियों के फेर की वजह से 14, 15 और 16 अगस्त को जन्माष्टमी का संयोग बन रहा है। इसमें 14 को तिथि आगमन होने और 15 को सूर्योदय तिथि व 16 को रोहिणी तिथि होगी।
ज्योतिष गणना के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव तीन दिनों तक रहेगा। गो़ंडपारा सीताराम मंदिर के महंत डॉ.लक्ष्मण शरण महाराज ने बताया कि 14 अगस्त की शाम 5.38 बजे से अष्टमी का आगमन होगा जो 15 अगस्त की शाम तक रहेगी। इस वजह से जो लोग तिथि की गणना मानते हैं वे 14 अगस्त को जन्मोत्सव मनाएंगे। वहीं दूसरे दिन अष्टमी की तिथि रात को नहीं मिल रही है।
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इसके साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी नहीं मिल रहा है लेकिन सूर्योदय तिथि होने की वजह से 15 अगस्त को भगवान का जन्मोत्सव मनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि शास्त्रगत मान्यता के अनुसार व्रत सूर्योदय तिथि में करना चाहिए। भद्रपद की अष्टमी सूर्योदय तिथि है लेकिन रोहिणी नक्षत्र नहीं है। इसके बाद भी 15 को ही जन्मोत्सव मनाना श्रेष्ठ रहेगा। 16 अगस्त की मध्य रात्रि रोहिणी नक्षत्र का योग बन रहा है।
इस वजह से नक्षत्र की गणना मानने वाले 16 अगस्त को जन्मोत्सव का पर्व मनाएंगे। इस तरह से तीन दिनों तक भगवान के जन्मोत्सव का संयोग बन रहा है। गोंड़पारा सीताराम मंदिर में 15 अगस्त को भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पं.दीपक शर्मा के अनुसार 14 अगस्त की शाम 5.40 बजे तक सप्तमी तिथि रहेगी।
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इसके बाद अष्टमी की तिथि आगमन होगा और अष्टमी तिथि दूसरे दिन 15 अगस्त तक रहेगी। इस वजह से तिथि की गणना वाले 14 अगस्त को और सूर्योदय तिथि मानने वाले 15 अगस्त को पर्व मनाएंगे। उन्होंने बताया कि सूर्योदय तिथि व्रत नियम के लिए श्रेष्ठ होती है। इस वजह से 15 अगस्त को पर्व मनाना अच्छा रहेगा।