29 मार्च 17…कल सुबह आश्रम में Smiley ने 6 पिल्लों को जन्म दिया, जिनमें से केवल तीन ही ज़िंदा बचे। (आप समझ ही गए होंगे कि Smiley कौन है ) एक पिल्ला बचाया जा सकता था लेकिन वह दूसरी तरफ था और किसी को उसके बारे में पता नहीं चला ।
मैं पूरी रात यह सोच कर बेचैन रही कि सभी जानवरों को भगवान ने कितनी लंबी ज़ुबान दी पर बेचारे बोल नहीं सकते ….शायद यही उनके कर्मों का फल होगा….।
Smiley भी नहीं बता पाई कि उसका एक पिल्ला दूसरी तरफ रह गया है। आप सोच रहे होंगे कि मैं आज क्या पिल्लों के बारे में बताने लग गई, पर इसके बाद जो ख़्याल मेरे मन में आया…वो शायद आपको भी important लगे।
मैं सोच रही थी कि उस पिल्ले की मौत हो गयी, हमें दुःख तो जरूर हुआ पर उसके लिए तो अच्छा हुआ, उसने 84 लाख योनियों में से कुत्ते का जन्म लेकर उससे छुटकारा भी कितनी जल्दी पा लिया। इसी से मन में यह बात एक बार और उठी कि मृत्यु , उत्सव है या पीड़ा …? इसका उत्तर कुछ समय पूर्व श्रीगुरुजी ने किसी चर्चा के दौरान दिया था….आपको भी बताऊंगी लेकिन कल….