12 सितंबर को बिल्डर्स की संस्था क्रेडाई के साथ बैठक के बाद 50 हज़ार फ्लैट्स के पजेशन का एलान करने वाले सीएम योगी ने शनिवार को नोएडा में कहा कि 31 दिसंबर तक 40 हज़ार फ्लैट्स का पजेशन ही हो पाएगा. दरअसल, 50 हज़ार के आंकड़ा का दावा क्रेडाई से चर्चा के बाद ही सीएम ने किया था, लेकिन नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज़ ने तमाम मशक्कत के बाद अपने टारगेट को हासिल नहीं किया. केवल यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ही अपने 7500 फ्लैट्स के टारगेट को पूरा कर पाई है.फिलीपींस: शॉपिंग मॉल में लगी भीषण आग, चारो तरफ मची हडकंप…
50 हज़ार फ्लैट्स का टारगेट शुरुआत से ही संकट में दिखाई दे रहा था. क्योंकि सीएम ने जल्दी में आंकड़े का तो एलान कर दिया, लेकिन क्रेडाई ने जिन रियायतों की मांग इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए की थी उसे अनसुना कर दिया गया था. नतीजा ये हुआ कि जल्दबाजी में पीठ थपथपाने के लिए जो एलान किया था वो मंजिल तक नहीं पहुंच पाया. अक्टूबर में ही क्रेडाई के हवाले से खबर दिखाई थी कि आखिर क्यों ये 50 हज़ार का आंकड़ा मंजिल से कोसों दूर नजर आता है.
4 दिसंबर को मंत्री समूह की बैठक में तो आंकड़ा केवल 32 हज़ार 500 तक पहुंच पाया था. इसके बाद सुरेश खन्ना की अगुवाई वाले मंत्री समूह ने अथॉरिटी के अधिकारियों की जमकर क्लास ली और 11 दिसंबर तक कैसे भी करके इस आंकड़े को 50 हज़ार तक पहुंचाने के निर्देश दिए.
बैठक में वादे के बावजूद फ्लैट न देने वाले डेवलपर्स को गिरफ्तार तक करने के निर्देश पुलिस को दिए गए थे. लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक लव कुमार ने किसी भी धारा में गिरफ्तारी मुमकिन न होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए थे. अब 23 दिसंबर को सीएम ने खुद ही 50 हज़ार के आंकड़े को घटाकर 40 हज़ार कर दिया है.
अगर ये आंकड़ा हासिल हो भी जाता है तब भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पजेशन का मुद्दा लटका ही रह जाएगा. यहां पर आम्रपाली और जेपी ग्रुप के ही 70 हज़ार फ्लैट्स का पजेशन बाकी है. इनके अलावा भी छोटे-बड़े कई डेवलपर्स अभी तक फ्लैट्स का लीगल पजेशन देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यानी यहां पर घरों के पजेशन का मुद्दा जल्द सुलझने के आसार नहीं हैं.