जी हा यूपी में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को योगी मंत्र दिया। उन्होंने कहा था कि बीजेपी को मिले जनादेश के चलते यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपनी छुट्टियां भूलते हुए नॉनस्टॉप काम करें.
सरकार को शपथ लिए एक महीना पूरे होने वाला है पर योगी कि सीख का कितना असर मंत्रियों पर हुआ इसका रियालिटी चेक कुछ पत्रकारों ने किया है। मंत्रियों को सीएम योगी आदित्यनाथ का इशारा साफ था कि सरकार को अपनी एक अलग छवि बनानी होगी। शुरुआत मुख्यमंत्री ने खुद अपना उदाहरण देकर की। अधिकारियों की माने तो मुख्यमंत्री खुद 24 में से 18 घंटे काम करते हैं उनकी दिनचर्या सुबह 4 बजे से ही शुरू हो जाती है। ऐसे में जाहिर है दबाव उनके सहयोगियों पर भी है. ‘आज तक’ की टीम ने शनिवार के दिन लखनऊ के तमाम सरकारी दफ्तरों का निरीक्षण किया यह जानने के लिए कि लखनऊ में मौजूद कितने मंत्री योगी के मंत्र का पालन कर रहे हैं। फाइलों में उलझे कानून मंत्री : कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक फाइलों पर हस्ताक्षर करने में जुटे हैं। प्रदेश की कानून विभाग की व्यवस्था को सुधारने का बेड़ा उन्होंने उठाया है। ऐसे में उनकी माने तो योगी मंत्र पढ़ने में उनको कोई दिक्कत नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री की ऊर्जा से वह भी प्रेरणा ले रहे हैं। विधान भवन के गलियारों में कुछ दफ्तर खुले हैं तो कुछ बंद जाहिर हैं। कुछ मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में गए हैं और बाकी जो लखनऊ में हैं उनमें से कई विधान भवन में नजर आते हैं। परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सुबह-सुबह ही अपने दफ्तर आए थे और शाम में किसी काम से बाहर गए, लेकिन फिर भी उनके दफ्तर के बाहर कर्मचारियों की लाइन लगी है।