यूपी सीएम की कुर्सी संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार में मलाई काट रहे सभी लोगों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है।आज होने वाली पहली कैबिनेट बैठक से पहले सीएम योगी ने गन्ना समिति से जुड़े सभी गैर सरकारी लोगों का नामांकन रद्द कर दिया है। इसके तहत कुल 355 अधिकारियों को हटा गया है। इन पदों पर अब नई नियुक्ति की जाएगी।
गन्ना किसानों को सीधे भुगतान के लिए इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है। इसके साथ ही सरकार ने सहकारी गन्ना विकास समितियों, चीनी मिलों एवं सहकारी चीनी मिल समितियों की प्रबंध कमेटी में गैर सरकारी सदस्यों के तौर पर नामित कुल 184 लोगों की भी छुट्टी करने का फैसला किया है। सहकारी चीनी मिल समितियों की सामान्य निकाय में प्रतिनिधि के रूप में नामित 150 गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति भी निरस्त की गई है।
आधी रात में अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे सीएम: मुख्यमंत्री ने सोमवार रात 12.15 बजे तक सचिवालय एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में बेसिक, माध्यमिक, उच्च तथा प्राविधिक व व्यावासायिक शिक्षा विभाग की भावी कार्ययोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण का जायजा लिया। बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का होगा गठन: सूबे में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा। एक जुलाई तक हर बच्चे के लिए यूनिफार्म और बैग मुहैया करने होंगे। पाठ्क्रम में बदलाव पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा।
आज होगी योगी आदित्यानाथ की पहली कैबिनेट बैठक: आज उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक होगी। हर किसी की निगाहें योगी मंत्रिमंडल के फैसलों पर है। बैठक के बाद ही तय होगा कि योगी सरकार प्रदेश को किस ओर ले जाना चाहती है। अब तक भले ही उनकी छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की रही हो, लेकिन फिलहाल उनके एजेंडे में राम मंदिर नहीं, बल्कि बूचड़खाना, रोमियो पर लगाम, कानून-व्यवस्था, बिजली, किसान, शिक्षा और स्वास्थ्य रहा है।
मंत्रिमंडल की पहली बैठक में योगी सरकार किसानों की कर्जमाफी, गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों में पूरे भुगतान, बुंदेलखंड को और मदद देने के उपायों, पूर्वांचल की समस्याओं को लेकर अहम निर्णयों के साथ अवैध बूचड़खानों और मांस कारोबारियों के लाइसेंस से जुड़े मुद्दों पर कोई फैसला हो सकता है।