1 मई 17….बात तब की है जब मेरे पास simple phone हुआ करता था जिससे msg टाइप करने में बार – बार keys दबानी पड़ती थीं। श्रीगुरुजी ने एक बार देखा कि मैं mail इत्यादि का काम भी फोन से ही करती हूं, सो उन्होंने मेरे लिए एक smart phone मंगवाया,जो मेरे लिए surprise gift था। मैंने उस phone से उन्हें एक msg भेजा और typing convenience की वजह से खुश होकर तुरंत ही इन्हें call किया।
मैं इधर से,” एक बात कहनी थी आपसे, इसलिये आपको studio में disturb किया….ये फोन तो बहुत ही अच्छा है, मैंने जैसे ही I want टाइप किया, इसने तुरंत ही कई options दे दिए….say, thank, tell और भी 2-3 थे।”
ये उधर से,” अच्छा…options भी आते हैं…बड़ा interesting फोन है।”
” और पता है कि spellings भी पूरी -पूरी खुद आ जाती हैं…”, मैं जोश में बोली जा रही थी।
” बहुत खूब …फिर तो आपको काम करने में आराम हो जाएगा…., ” ये भी बहुत खुश सुनाई दे रहे थे।
” ठीक है, आप जल्दी घर आइए, फिर मैं आपको फोन दिखाती हूँ ,” कह कर मैंने फ़ोन रख दिया। phone रखते ही realize हुआ कि ये तो तकरीबन एक-डेढ़ साल से smart phone use कर रहे हैं…तो इन्हें तो typing options वाली बात पता ही होगी।
….फिर इनसे अपनी बात-चीत सोच कर खुद पर हंसी भी आई और एक गहन विचार, हम कुछ भी इन्हें बताते हैं…ये सोच कर कि ये नया idea है या इन्हें नही पता होगा, ….ये सारी बात इतने उत्साह से सुनते हैं कि सामने वाला सातवें आसमान पर होता है कि आज हमने गुरुजी को suggestions दिये… ये दिमाग में ही नहीं आता कि हमें धैर्य के साथ सुनकर ये हमारा मन रख लेते हैं…
फिर मुझे थोड़ा सा गुस्सा भी आया कि ये बता नहीं सकते थे कि मुझे सब पता है , मैं तो कब से ऐसा फ़ोन use कर रहा हूँ….फिर अपनी जोश भरी बातों पर हंसी भी छूट गयी….सो मैंने कोई गुस्सा नहीं किया।☺
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