जम्मू-कश्मीर की जेलों में धड़ल्ले से मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो रहा है। जेल में कैद खूंखार आतंकी फोन के जरिए अपना नेटवर्क चला रहे हैं। जेल का जैमर इनका नेटवर्क बाधित करने में नाकाम है क्योंकि उसकी नियंत्रण क्षमता टू जी नेटवर्क की है। जबकि कैदी 3 जी और 4 जी फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जैमर को अपग्रेड करने की फाइल पिछले दो महीने से गृह विभाग के पास पड़ी है। इससे चता चलता है कि सूबे की जेलों की सुरक्षा को लेकर महबूबा सरकार कितनी संजीदा है।श्रीनगर सेंट्रल जेल में आतंकी नवीद को भगाने के बड़े कांड के बाद भी उक्त जेल की सुरक्षा पुख्ता नहीं हुई। 4जी के जमाने में इस जेल में अब भी 2जी मोबाइल नेटवर्क कंट्रोल करने वाला जैमर लगा है। श्रीनगर सेंट्रल जेल से कुछ दिन पहले एनआईए ने एक छापे में करीब 25 मोबाइल और सिम बरामद किए थे।
इससे पहले ही इस बात खुलासा हो चुका था कि जेल में बंद आतंकी मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। इतना कुछ होने के बाद भी सेंट्रल जेल का जैमर बदला नहीं गया। सूत्र बताते हैं कि रियासत की सिर्फ तीन जेलों में ही जैमर लगे हैं। इनमें जम्मू के कोट भलवाल और श्रीनगर की सेंट्रल जेल व जम्मू जिले की अंबफला जेल शामिल हैं। इन तीनों जेलों में 2जी जैमर हैं। जबकि इस समय 4जी नेटवर्क चल रहा है।