4 राज्यों में बहुत पीछे चल रही ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ स्कीम, प्रवासी मजदूरों के लिए बेहद मुफीद है यह योजना

‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना अपने लक्ष्य तक पहुंचने में फिर पिछड़ गई। योजना के पूरा होने का समय इस वर्ष 31 मार्च निर्धारित है। लेकिन चार राज्यों में यह योजना बहुत पीछे चल रही हैं। जबकि योजना प्रवासी मजदूरों के लिए बेहद मुफीद साबित हो रही है। इस योजना का लाभ हर महीने डेढ़ करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर उठा रहे हैं। उन्हें अन्य राज्यों में भी सस्ते गल्ले की दुकान से रियायती दरों पर अनाज मिलने लगा है।

केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि दिल्ली, असम, बंगाल और छत्तीसगढ़ में योजना पिछड़ गई है, जिसके पूरा होने में अभी कुछ महीने और लगेंगे। इस योजना में अब तक 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया है। बाकी चार राज्यों में योजना पीछे चल रही है।

वैसे तो सभी राज्यों में राशन कार्ड डिजिटल हो चुके हैं। लेकिन अभी 88 फीसद राशन कार्ड ही आधार से जोड़े जा सके हैं। पांडेय ने कहा कि राशन प्रणाली को पारदर्शी बनाने से अब तक 4.39 करोड़ राशन कार्ड रद कर दिए गए है। कार्ड रद करने से पहले राज्य सरकारें उसे अनुमोदित करती हैं।

‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ के लागू होने के बाद से हर महीने 1.6 करोड़ से अधिक उपभोक्ता योजना का लाभ उठा रहे हैं। उपभोक्ताओं के लिए योजना को सहज बनाने के लिए शुक्रवार को ‘मेरा राशन’ मोबाइल एप जारी किया गया। एप जारी करने के बाद खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि इससे बहुत कुछ आसान हो जाएगा। राशन कार्ड धारकों की संख्या घटाने के प्रस्ताव के बारे में पूछे सवाल के जवाब में खाद्य सचिव ने स्पष्ट किया कि फिलहाल उनके पास इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं है।

 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com