बेंगलुरु। 40 करोड़ के घूसकांड में आरोपी बनाए गए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को इस मामले में बड़ी राहत मिली है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।
उनके अलावा इस मामले आरोपी अन्य लोगों को भी अदालत ने बरी कर दिया है। इनमें उनके दो बेटे, दामाद और जेएसडब्ल्यू के अधिकारी भी शामिल हैं। मामले में येदियुरप्पा को 2011 में जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि उन्हें तीन सप्ताह बाद जमानत मिल गई थी।
सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद येदियुरप्पा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे भगवान पर पूरा भरोसा था कि मुझे न्याय मिलेगा। मुझे इनाम मिल गया।
यह है मामला
येदियुरप्पा जब 2008 से 2011 के बीच मुख्यमंत्री थे तो उन पर और उनके दो बेटों के अलावा अन्य लोगों पर आरोप लगे थे कि जब उनके द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट खनन लाइसेंस और अन्य फायदों के लिए 2010 में 40 करोड़ रुपए की घूस दी गई थी। इसके बाद राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई थी। सीबीआई ने जांच के दौरान 216 लोगों से पूछताछ की थी।
सीबीआई का कहना था कि यह पैसा दक्षिण-पश्चिम की खनन कंपनी से आया था जो जेएसडब्ल्यू से जुड़ी हुई थी। यह भी कहा गया कि 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त रकम येदियुरप्पा के परिवार द्वारा चलाए जा रहे प्रेरणा ट्रस्ट को दी गई थी जिसमें से 6 करोड़ स्वामी विवेकानंद संस्था को दिए गए थे जिसमें येदुरप्पा ट्रस्टी थे।
येदियुरप्पा परिवार पर 20 करोड़ की घूस को छिपाने के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील को बेंगलुरु में एक बेंगलुरु विकास प्रधिकरण की नोटिफाई की हुई जमीन बेचने के आरोप भी थे।