सूफी सिंगर प्यारे लाल वडाली दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया. गुरुवार को दौरा पड़ने के बाद उन्हें तुरंत अमृतसर में फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने करीब पांच घंटे तक उनकी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए. प्यारेलाल ने सुबह 4 बजे आखिरी सांस ली. वो 75 साल के थे.
निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव ले जाया गया. पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. पंजाबी सूफी गानों के लिए महशूर वडाली ब्रदर्स में उस्ताद प्यारे लाल छोटे थे. उनके बड़े भाई का नाम पूरनचंद वडाली है. वो पहलवान भी थे. वडाली ब्रदर्स का मशहूर पटियाला घराने से भी ताल्लुक रहा. बता दें कि पटियाला घराने के उस्ताद बड़े गुलाम अली थे.
वडाली ब्रदर्स तू माने या न माने, हीर और याद पिया की जैसे सूफी गानों के याद किए जाते हैं. इस जोड़ी ने कई भजन भी गाए हैं. वडाली ब्रदर्स को उनके काम के लिए 1992 में संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया. 1998 में उन्हें तुलसी अवॉर्ड दिया गया था.
इन फ़िल्मी गानों के लिए भी याद किए जाते हैं वडाली ब्रदर्स
वडाली ब्रदर्स शुरू में फिल्मों में गाना नहीं चाहते थे. लेकिन बहुत बाद में उन्होंने कई बॉलीवुड के लिए भी गाया. कई गानों के लिए वडाली ब्रदर्स मशहूर भी हुए. इसमें रंगरेज मेरे (तनु वेड्स मनु, 2011), तू ही तू ही (मौसम, 2011), दर्दा मारेया (पिंजर, 2003) और चेहरा मेरे यार का (धूप, 2003) शामिल है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features