खेल भावना की 5 मिसाल, राहुल ने खेला स्कॉटलैंड तो तेंदुलकर ने किया ये

क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता है और भारतीय खिलाड़ी इस खेल की भावना का सम्मान भी करते हैं। हमें हमेशा सिखाया जाता है कि हमको लोगों की मदद करनी चाहिए। खिलाड़ियों को भी हम मैदान में अपने तो कभी विपक्षी टीम के खिलाड़ियों की मदद करते देखते ही रहते हैं। कभी दूसरे खिलाड़ी के शू लेस बांधते तो कभी स्ट्रेचिंग कराते हुए हमने कई बार भारतीय खिलाड़ियों को मैदान में देखा है। आज हम ऐसे ही 5 मौकों की बात करेंगे जब भारतीय खिलाड़ियों ने विपक्षी टीम या उसके खिलाड़ी की मदद कर खेल भावना को सर्वोपरी रख कर उसकी मिसाल कायम की है।

राहुल स्कॉटलैंड की मदद को शामिल हुए वन डे टीम में

2003 में तत्कालिक कोच जॉन राइट ने द्रविड़ को स्कॉटलैंड टीम की मदद के लिए उनके खेमे में भेजने की पेशकश की थी जिससे द्रविड़ ने स्वीकार भी कर लिया था। द्रविड़ ने स्कॉटलैंड की नैशनल टीम की तरफ से नैशनल क्रिकेट लीग डिवीजन 2 टूर्नामेंट में 11 एक दिवसीय मैचों में हिस्सा लिया था। स्कॉटलैंड की तरफ से द्रविड़ ने 600 रन भी बनाए थे। उस वक्त वास्तव में द्रविड़ ने खेल भावना की मिसाल कायम की थी।

बीच मैदान धोनी बांग्लादेश के लिए करने लगे कप्तानी

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2019 वर्ल्ड कप के अभ्यास मैच के दौरान बांग्लादेश टीम की फील्डिंग सेट करने का काम किया था। दरअसल पारी के 40 वें ओवर में बैटिंग कर रहे धोनी ने बॉलर को रोक कर स्क्वायर लेग पर फील्डर लगाने को कहा था। धोनी की सलाह को मानते हुए बांग्लादेशी कप्तान ने तुरंत वहां फील्डर लगा दिया था।

मनदीप सिंह अफ्रीका की जर्सी पहनकर उतरे थे मैदान पर

2015 में इंडिया, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया A टीमों के खिलाफ खेले ट्राइंगुलर सीरीज के एक मैच से पहले साउथ अफ्रीका A टीम के 10 खिलाड़ियों को फ़ूड प्वाॅइजनिंग होने की वजह से साउथ अफ्रीका टीम के खिलाड़ियों की कमी हो गयी थी। इस वजह से इंडिया A के खिलाड़ी मनदीप सिंह को साउथ अफ्रीका की जर्सी पहन कर मैदान में फील्डिंग करने उतरना पड़ा था।

यूनुस खान के कमरे में जा कर द्रविड़ ने की ये मदद

पाकिस्तान के लेजेंड्री क्रिकेटर यूनुस खान ने बर्मिंघम में चैंपियन ट्रॉफी के दौरान राहुल द्रविड़ से उन्होंने 5 मिनट का समय मांगा था। इसके जवाब में राहुल खुद उनसे मिलने उनके कमरे तक जा पहुंचे थे। यूनुस ने इस बात का खुलासा अपने दिए एक इंटरव्यू में किया था। उसके अलावा उन्होंने कहा था की मुझे यकीन नहीं हुआ था कि राहुल खुद मेरी मदद को मेरे कमरे तक आ गए। उस वक्त मैं जूनियर था। राहुल की उस वक्त कमरे में दी गई सलाह ने क्रिकेट करियर में मेरी काफी मदद की है।

डेब्यू से पहले सचिन पाकिस्तान के लिए खेलते नजर आए

महज 16 साल की उम्र में क्रिकेट डेब्यू करने वाले द ग्रेट सचिन तेंदुलकर ने इंटरनैशनल डेब्यू करने से पहले पाकिस्तान टीम की फील्डिंग करते नजर आए थे। दलअसल पाकिस्तान के खिलाड़ी जावेद मियांदाद और अब्दुल कदीर मैदान पर फील्डिंग के लिए उपलब्ध नहीं थे जिस वजह से तेंदुलकर से फील्डिंग करने का अनुरोध किया गया था। इसके लिए तेंदुलकर ने बिना वक्त लगाए हां भी कर दी थी।

ऋषभ वर्मा

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