पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी भले ही रिटायर हो गए हों पर आज भी फैंस उन्हें बेहतरीन कप्तानों की लिस्ट में टाॅप पर रखते हैं। हर कोई उनके करियर की उपलब्धियों के बारे में बात करता है पर आज हम उनके करियर के पांच काले धब्बों के बारे में बात करेंगे। ये ऐसे धब्बे हैं जिन्हें शायद ही कभी वे खुद भूल पाएं। तो चलिए जानते हैं अपने कैप्टन कूल के करियर के पांच काले धब्बों के बारे में।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच
2011-12 भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ बाॅर्डर गावस्कर ट्राॅफी 4-0 से हारी थी। इस मैच में धोनी से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने भी हिस्सा लिया था। मैच हारने के बाद धोनी को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। इसके बाद सभी जान गए थे कि धोनी और सीनियर्स के बीच कुछ ठीक नहीं है।
आईपीएल स्पाॅट फिक्सिंग
बता दें कि 2013 में कई खिलाड़ियों का नाम मैच स्पाॅट फिक्सिंग में आया था। सबसे पहले फिक्सिंग में श्रीसांथ, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला का नाम आया था। बाद में चेन्नई सुपर किंग्स की पूरी टीम और धोनी पर भी आरोप लगे थे। हालांकि ये आरोप सच नहीं साबित हो पाए। इसके चलते धोनी तो निर्दोष साबित हुए थे पर चेन्नई टीम को दो साल के लिए बैन किया गया था।
शेयरों का संदिग्ध मामला
2015 में रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट संग धोनी की हिस्सेदारी संदिग्ध तरीके से पाई गई थी। धोनी को इसका 15 परसेंट का मालिक बनाया गया था। कई पुराने खिलाड़ियों ने धोनी की आलोचना भी की थी। हालांकि बाद में धोनी के खिलाफ कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया था।
2007 वर्ल्ड कप में हार
2007 वर्ल्ड कप हारने के बाद भारतीय प्लेयर्स संग लोगो ने खराब रवैया अपनाया था। खिलाड़ियों के पुतले फूंके गए और धोनी पर पत्थर तक फेंके गए। इसके चलते सुरक्षाबलों का भी सहारा लेना पड़ा। 5 महीने बाद ही टी20 वर्ल्ड कप में टीम ने झंडे गाड़ दिए।
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2019 वर्ल्ड कप आलोचना
धोनी कुछ समय से फार्म में नहीं चल रहे थे। 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप में भी वे टीम को जीत नहीं दिला पाए। टीम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार गई थी। तब धोनी की काफी आलोचना हुई थी।
ऋषभ वर्मा