ऐसे किस्से और कहानियां हम-सभी ने अपने बचपन में जरूर सुने होंगे कि फलाना छोटी उम्र में ही गायब हो गया था और बड़े होने पर वह फिर से वापस लौट आया. या वह बहुत गरीब था और उसके परिवार के पास दो समय की रोटियों का भी जुगाड़ नहीं था, लेकिन वापस लौटने पर उसने पूरे परिवार का कायाकल्प कर डाला. झोपड़ी को महल-अटारी में बदल डाला.
यह कहानी भी कमोबेश ऐसी ही है. यह कहानी है सरू की जो मध्यप्रदेश में पैदा हुआ और भूलता-भटकता ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया. फिर जो हुआ वह वाकई किसी फिल्मी कहानी जैसा है.
आखिर कौन है सरू?
सरू का पूरा नाम शेरू मुंशी खान है और उसका जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के गणेश तिलाई इलाके में हुआ था. वह अभी छोटी उम्र का ही था कि पिता उसकी मां को छोड़ कर कहीं चले गए. वे तीन भाई-बहन थे और उनकी मां मजदूरी करके पूरे परिवार का गुजारा चलाया करती थीं.
सरू महज 5 वर्ष का था और इस भयावह परिस्थिति से जद्दोजहद करते हुए रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने लगा. एक सांझ वह अपने भाई के साथ खंडवा से बुरहानपुर के लिए चला ही था कि दिन भर की थकावट की वजह से वह किसी खाली सीट पर निढाल हो गया. उसके भाई ने इस बीच किसी स्टेशन पर उतर कर वापस लौटने का वादा किया लेकिन आया नहीं.
सरू पहुंच गया हावड़ा
सरू ने इस बीच कई बार ट्रेन से उतरने की कोशिश की लेकिन अपनी कम उम्र और छोटी कदकाठी की वजह से वह उतरने में नाकामयाब रहा. वह अपने शहर से कोई 1500 किलोमीटर दूर हावड़ा स्टेशन पहुंच गया था. वहां उसे कई अजीबोगरीब लोग भी मिले जो उसे अपने साथ कहीं ले जाना चाहते थे लेकिन वह उनसे बचता हुआ किन्हीं दो किशोरवय लड़कों के संपर्क में आया और वे उसे किसी सरकारी अनाथालय तक ले गए.
किस्मत ने पहुंचाया ऑस्ट्रेलिया
वहां से कुछ सप्ताह के भीतर ही ऑस्ट्रेलिया की एक गोद लेने वाली संस्था ने संबंधित अनाथालय से संपर्क किया और वे सरू को (कैनबरा) ऑस्ट्रेलिया ले गए. सरू ने ऑस्ट्रेलिया के ऑस्ट्रेलियन इंटरनेशनल होटल स्कूल (कैनबरा) से बिजनेस व हॉस्पिटैलिटी की पढ़ाई भी की है.
सरू वहां से अपने परिवार को खोजते रहे
सरू भले ही ऑस्ट्रेलिया में ऐशोआराम की जिंदगी व्यतीत कर रहे थे लेकिन उनका दिल कहीं भारत में फंसा हुआ था. सोशल नेटवर्किंग साइट्स के इस चरम युग में वे अपने घर-परिवार को गूगल व फेसबुक के माध्यम से खोज रहे थे. उन्होंने साल 2011 में गूगल अर्थ की मदद से अपने घर के आसपास की जगह को ट्रेस कर लिया और तब उन्होंने अपने घर (खंडवा) के आसपास के ग्रुप्स को फेसबुक पर ढूंढना शुरू किया.
सरू घर वापस आए और उनकी जिंदगी पर बन रही है फिल्म
ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटने पर वे अपनी पुरानी तस्वीर लेकर खंडवा में पूछताछ करते हुए अपने घर तक पहुंचे. अपनी मां से मिल कर वे बेहद खुश हैं और उनकी मां जो एक सफाईकर्मी का काम करती हैं, से सारा काम छुड़वा कर उनके लिए एक घर बनाना चाहते हैं.
इस बीच उन्होंने “A Long Way Home” नामक किताब भी लिखी है और उनकी जिंदगी पर आधारित इस किताब पर फिल्म भी बनने वाली है. इस फिल्म में हॉलीवुड की मशहूर अदाकारा निकोल किडमैन और स्लमडॉड मिलेनियर फेम स्टार देव पटेल अहम किरदार निभाएंगे.