पटना। बिहार में पांच सौ और एक हजार के नोट को बंद कर वापस लिए जाने के फैसले का सभी दलों ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पांच और और हजार के नोट वापस लिए जाने के फैसले का मेैं समर्थन करता हूं।

उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में भले ही इससे थोड़ी परेशानी होगी पर बाद में देश की अर्थव्यवस्था को इससे फायदा होगा। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस फैसले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी है और कहा है कि अब कोई भी व्यक्ति काला धन छुपाने के लिए सोचेगा भी नहीं।
भाजपा ने कहा – क्रांतिकारी कदम
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि देश हित में पीएम ने क्रांतिकारी कदम उठाया है। नकली नोट और काला धन के खिलाफ देश की जनता से किए अपने वादे को पूरा करने के लिए पीएम मोदी कृतसंकल्पित हैं।
पीएम का निर्णय स्वागतयोग्य : केसी त्यागी
पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट को बंद किए जाने के फैसले का जदयू ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इस बाबत अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नीयत से यह फैसला लिया है वह स्वागतयोग्य है।
श्री त्यागी ने कहा कि बहुत दिनों से यह बात नोटिस में आ रही थी कि पाकिस्तान से आतंकवादियों को पांच सौ और एक हजार रुपये के नकली नोट द्वारा वित्तीय मदद दी जा रही है। हवाला के जरिए भी नकली नोट के धंधे की बात सामने आ रही थी। सरकार के इस फैसले से इस तरह की गतिविधि पर ब्रेक लगेगा। कालेधन पर भी इसका असर होगा।
त्यागी ने कहा कि इसका साइड इफेक्ट गांवों में दिखेगा, जिस पर सरकार को सोचना चाहिए। गांव में किसान आयकरदाता नहीं है। बहुत सारे किसान ऐसे हैैं जो दस लाख रुपये से बीस लाख रुपये घर में अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह व अन्य आयोजनों के लिए रखते हैैं। उन्हें इन पैसों की वापसी में परेशानी होगी। नुकसान भी संभव है। इसी तरह छोटे-छोटे कारोबारियों की परेशानी भी बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से बाजार में अफरा-तफरी की जो स्थिति उत्पन्न होगी उससे निपटने के लिए भी सरकार को कारगर व्यवस्था करनी चाहिए।
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