500 रुपये के बदले आधार डेटा की जानकारी हासिल करने वाली न्यूज रिपोर्ट को यूआईडीएआई ने खारिज कर दिया है। यूआईडीएआई ने रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि आधार डेटा लीक नहीं हुआ है और आधार की निजी जानकारी सुरक्षित है।
यूआईडीएआई का कहना है कि कुछ लोगों ने विशेष अधिकारियों की दी गई सुविधा का गलत फायदा उठाया है। अथॉरिटी के मुताबिक इस सुविधा के जरिए किसी का आधार नंबर खो जाने पर उसकी जानकारी जुटाई जाती है। इससे केवल नाम और कुछ जानकारियां हासिल की जा सकती हैं न कि बायोमेट्रिक जानकारी। अथॉरिटी ने ये भी बताया कि इस विशेष सुविधा का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर नजर रखी जाती है और उनका पता भी लगाया जा सकता है। यूआईडीएआई ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि बायोमेट्रिक्स के बिना आधार डेटा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
दरअसल इससे पहले एक न्यूज रिपोर्ट में 500 रुपये के बदले 10 मिनट में करोड़ों लोगों के आधार डेटा की जानकारी हासिल करने का दावा किया गया था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपये के बदले एक अज्ञात शख्स को व्हाट्सएप के जरिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर दिया गया जिसके जरिए लगभग एक अरब लोगों के आधार डाटा की जानकारी ली जा सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक एक एजेंट को पेटीएम के जरिए 500 रुपये दिए गए थे। 10 मिनट बाद एक शख्स ने एक लॉग इन आईडी और पासवर्ड दिया। इसके जरिए पोर्टल पर किसी भी आधार नंबर की पूरी जानकारी ली जा सकती थी। इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 300 रुपये और देने पर एजेंट ने ऐसा सॉफ्टवेयर दिया जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति के आधार को प्रिंट किया जा सकता था।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस रैकेट में लगभग एक लाख लोग शामिल हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें आईटी मंत्रालय ने कॉमन सर्विस स्कीम के तहत देशभर में आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी।