नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों प्रचलन से बाहर करने का फैसला किया है। देशभर में लोग पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने के लिए जद्दोजेहद कर रहे हैं।

ऐसे में आम लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि सरकार इन नोटों का क्या करेगी? तो हम आपको बता दें कि सरकार ने इन नोटों को ठिकाने लगाने की तैयारी पहले से ही कर ली है। इन नोटों की श्रेडिंग यानी चूर-चूर करके लैंड फिलिंग यानी सड़कों गड्ढे आदि भरने में इस्तेमाल किया जाएगा।
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रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन नोटों की श्रेडिंग की जाएगी और फिर इन्हें पिघलाकर कोयले की ईंटें तैयार की जाएंगी। इन ईंटों को कॉन्ट्रैक्टर्स को दे दिया जाएगा, जो सड़कों के गड्ढ़े भरने में इनका इस्तेमाल करेंगे।
गौरतलब है कि मार्च 2016 के आंकड़ो के मुताबिक में देश में 500 रुपए के 15,707 मिलियन और 1000 रुपए के 6,326 मिलियन नोट प्रचलन में थे। दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से प्रचलन से बाहर हुए नोटों का निपटारा किया जाता है। अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व पुराने नोटों की श्रेडिंग कर इन्हें कलात्मक और वित्तीय इस्तेमाल के लिए सौंप देता है।
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वहीं, हंगरी ने साल 2012 में प्रचलन से बाहर हुए नोटों को अलाव में जला दिया था। इसके बाद इनकी ईंटें तैयार की गईं और फिर उन्हें मानवाधिकार संगठनों को सौंप दिया गया। वर्ष 2000 के बाद बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ऐसे नोटों की खाद बनानी शुरू की थी। इसे खेतों में डाला जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है।
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