आज आपको जो खबर बताने जा रहे है उसे सुनकर आप दाँतों तले ऊँगली दबाने पे मजबूर हो जायेंगे इससे पहले इसके बारे में शायद ही अपने सुना हो गेंहू के दाने के बारे में तो आप सभी अच्छी तरह से जानते होंगे और हो भी क्यों न आखिर ये हमारे भोजन का मुख्य तत्व है लेकिन अगर हम कहे कि एक 200 ग्राम का गेंहू का दाना है तो आप आश्चर्यचकित रह जायेंगे लेकिन ये सच है पुराणों की मान्यताओं के अनुसार यह दाना महाभारत काल का यानी की 5000 साल पुराना है. यह गेहूं का दाना आपको देखने को मिलेगा ममलेश्वर महादेव मंदिर में, जो हिमाचल प्रदेश की करसोगा घाटी के ममेल गांव में स्थित है.
ममलेश्वर महादेव मंदिर जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पूजनीय है. इस मंदिर का संबंध महाभारत कल से है , कहा जाता है पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय इसी गांव में बिताया था.
ममलेश्वर महादेव मंदिर से जुड़े रहस्य
इस मंदिर में कई और चीजें है जो प्रसिद्ध है –
मंदिर में एक ऐसा अग्निकुंड है जिसके बारे में कहा जाता है कई ये पांडव के समय से जलता आ रहा है मान्यता है भीम ने राक्षस को मारकर गांव को उससे मुक्ति दिलाई थी, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भीम की इस विजय की याद में ही यह अखंड अग्नि जल रही है। ममलेश्वर महादेव मंदिर में पांच शिवलिंग है लोगों कहते है कई ये पांडवो द्वारा स्थापित है इस मंदिर में एक प्राचीन ढोल है यह भीम का ढोल है ऐसी मान्यता है मंदिर के गर्भगृह में भगवान शंकर व मां पार्वती की युगलमूर्ति स्थापित है मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर भी शिव-पार्वती की युगल मूर्ति है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह दुनिया का इकलौता मंदिर है, जिसमें शिव-पार्वती की मूर्तियां युगल के रूप में हैं।
और एक बात और आप इसे कपोल कल्पित कहानी नहीं मान सकते क्योंकि पुरातत्व विभाग भी इन सभी चीजों की अति प्राचीन होने की पुष्टि कर चुका है.
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