उन दिनों रिची बेनो की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के हौसले बुलंद थे. 1959 में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वह टीम भारत दौरे पर थी. एशेज सीरीज में इंग्लैंड का 4-0 से सफाया और पाकिस्तान की धरती पर 2-0 से फतह के बाद भारत में भी उसने जीत के साथ शुरुआत की, जब दिल्ली टेस्ट में कंगारुओं ने भारत को पारी से हराया. सीरीज का अगला टेस्ट कानपुर में खेला गया. आज ही के दिन यानी 20 दिसंबर 1959 में ग्रीन पार्क पर जसु पटेल की ऐसी फिरकी चली कि कंगारू उलझते चले गए.
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जसु ने ग्रीन पार्क पर एक-एक कर 9 शिकार किए और पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 152 रनों पर सिमट गई. 35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट के साथ जसु का भारत के टेस्ट इतिहास में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण रहा. उनका यह रिकॉर्ड अगले 40 साल तक कायम रहा, जब दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट चटकाए. पारी में 9 विकेट लेने की बात करें, तो जसु से पहले सुभाष गुप्ते ने 1958 में कानपुर में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ 9 विकेट (34.3-11-102-9) चटकाए थे.
1. अनिल कुंबले: 26.3 ओवर, 9 मेडन, 74 रन, 10 विकेट- 1999 विरुद्ध पाकिस्तान
2. जसु पटेल: 35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट- 1959 विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया
3. कपिल देव: 30.3 ओवर, 6 मेडन, 83 रन, 9 विकेट- 1983 विरुद्ध वेस्टइंडीज
ऑफ स्पिनर जसु पटेल ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में पांच विकेट चटकाए. यानी भारत की ओर से एक टेस्ट में कुल 14 (124 रन देकर) विकेट लेने वाले वह पहले गेंदबाज बने. उनका यह रिकॉर्ड 1988 में जाकर टूटा, जब नरेंद्र हिरवानी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तत्कालीन मद्रास टेस्ट में 136 रन देकर 16 झटके. जसु के इस सनसनीखेज प्रदर्शन से भारत ने कानपुर टेस्ट 119 रनों से जीत लिया, हालांकि बाद में उस टेस्ट सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से अपने नाम किया.
एक टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज
1. 1988, विरुद्ध वेस्टइंडीज- नरेंद्र हिरवानी: 33.5 ओवर, 6 मेडन, 136 रन, 16 विकेट
2. 2001, विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया- हरभजन सिंह: 80.1 ओवर, 26 मेडन, 217 रन, 15 विकेट
3. 1959, विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया- जसु पटेल 61.3 ओवर, 23 मेडन, 124 रन, 14 विकेट
जसु FACTS
1. कानपुर टेस्ट में उतारने जाने से पहले जसु पटेल ने पिछले तीन साल में एक भी टेस्ट नहीं खेला था. 4 टेस्ट में 10 विकेट ही उनके खाते में थे.
2. जसु पटेल ने एक पारी में 9 विकेट चटकाए, जिनमें से 8 तो बिना किसी फील्डर के- 5 को बोल्ड किया, 2 एलबीडब्ल्यू हुए,और एक को खुद ही कैच किया.
3. हालांकि जसु के लिए यह आखिरी सीरीज में साबित हुई. कानपुर टेस्ट के बाद वह दो और टेस्ट खेले. यानी 7 टेस्ट में कुल 29 विकेट उनके नाम रहे.
4. बचपन में पेड़ से गिरने से जसु का हाथ टूट गया था. इस वजह से उनका गेंदबाजी एक्शन कुछ ‘अलग’ था.
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